ट्रैक मेंटेनरों की लगातार मौत पर यूनियन का फूटा गुस्सा, कार्रवाई नहीं हुई तो होगा आंदोलन
छह महीनों में 9 मौतें: दक्षिण पूर्व रेलवे पर यूनियन ने लगाई लापरवाही की लानत
दक्षिण पूर्व रेलवे में छह महीनों में नौ ट्रैक मेंटेनरों की मौत के बाद यूनियन भड़क गई है। हाल के दो हादसों के बाद सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल उठाते हुए यूनियन ने चेतावनी दी है कि सुधार नहीं हुए तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
पश्चिमी सिंहभूम: दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में ट्रैक मेंटेनरों की लगातार हो रही मौतों से आक्रोश गहराता जा रहा है। बीते छह महीनों में नौ कर्मचारियों ने अपने प्राण गंवाए हैं, फिर भी सुरक्षा इंतज़ाम जस के तस बने हुए हैं। हाल ही में रांची और खड़गपुर मंडल में दो अलग-अलग हादसों में दो ट्रैक मेंटेनरों की जान चली गई, जिसके बाद ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन भड़क उठी है।

शनिवार को रांची मंडल के पीडब्ल्यूआई मुरी–1 खंड में तैनात ट्रैक मेंटेनर बिपत्तरानी महतो ड्यूटी के दौरान इलो स्टेशन के पास ट्रेन संख्या 18615 की चपेट में आ गए। नाइट कॉल वॉटर पेट्रोलिंग के दौरान हुई इस दुर्घटना में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसी दिन खड़गपुर मंडल के पीडब्ल्यूआई हिजली सेक्शन में नियुक्त ट्रैक मेंटेनर मंजूरुल हैदर सुबह 6:30 बजे कोल्ड वेदर पेट्रोलिंग करते समय हिजली–खड़गपुर मेमू (68048) की चपेट में आ गए और उनकी भी तत्काल मौत हो गई।
कर्मचारियों का कहना है कि कोहरे और ठंड के मौसम में ट्रेनें धीमी गति से चलती हैं, लेकिन उनकी पेट्रोलिंग दूरी कम नहीं की जाती, जिससे हादसों की संभावना बढ़ जाती है। ट्रैक मेंटेनरों ने सुरक्षा किट, बेहतर संचार साधन और पेट्रोलिंग मानकों में बदलाव की मांग की है। लगातार हो रही मौतों ने इस मुद्दे को बेहद गंभीर बना दिया है और यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब और जान गंवाने नहीं दी जाएगी और सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
