सार्वजनिक घाटों पर छठ करने पर रोक का सवर्ण मोर्चा ने जताया विरोध, कहा – फैसला बदले हेमंत सरकार
रांची : सवर्ण मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजीव सिंह ने लोक आस्था के महापर्व छठ पर हेमंत सरकार के फरमान का घोर विरोध करते हुए कहा कि झारखण्ड सरकार ने नदी, तालाब, डैम तथा सार्वजनिक जलाशयों में छठ पूजा करने पर पाबंदी लगा दी है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि छठ पूजा आदिकाल से ही जलाशयों के तट पर ही मनाया जाता रहा है, जहां भगवान भुवन भास्कर को संध्या एवं प्रातः व्रतीगण अर्घ्य देकर ही इस महापर्व का समापन करते हैं। ऐसे में इस तरह का गलत निर्णय हिंदू धर्मावलंबियों के भावनाओं को आहत करने के साथ ही गरीबों की गरीबी का मजाक उड़ाना वाला भी है, क्योंकि वंचित, गरीब, प्रवासी व्यक्ति भूखण्ड के अभाव में अपने घरों के आगे जलकुण्ड बनाकर सूर्य देवता को अर्घ्य देने में सक्षम नहीं हैं।

संजीव सिंह ने कहा है कि जिस कोरोना महामारी का राज्य सरकार दुहाई दे रही है, वही सरकार ताबड़तोड़ रैलिया औऱ सभाओं का आयोजन कर चुनाव सम्पन्न करवा चुकी है। बिना मास्क के विधानसभा में गले से गले मिल रही है, लेकिन छठ पर्व के समय कोरोना का भय दिखाकर आम जनता को बेवकूफ बना रही है। झारखण्ड सरकार की मनमानी पर सत्ता पक्ष के नेता मूकदर्शक बनी हुई है। जनता सब देख-समझ रही है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार से उनकी माँग है कि अपने फैसले को बदले और घाटों पर छठ करने की अनुमति प्रदान करे।
