ऑफिसर ट्रेनीज पर नीति निर्धारण से प्रशासन व्यवस्था तक संभालने की बड़ी जिम्मेदारी

2047 तक कई महिलाएं बनेंगी कैबिनेट सचिव: राजनाथ सिंह

ऑफिसर ट्रेनीज पर नीति निर्धारण से प्रशासन व्यवस्था तक संभालने की बड़ी जिम्मेदारी

मसूरी स्थित लबासना के 100वें फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑफिसर ट्रेनीज को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन और नीति निर्धारण की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। उन्होंने ‘एक जिला एक उत्पाद’ दुकान का उद्घाटन भी किया।

देहरादून: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्ष 2047 तक, जब विकसित भारत का लक्ष्य साकार होगा, तब तक देश में कई महिलाएं कैबिनेट सचिव के पद तक पहुंच चुकी होंगी। उन्होंने कहा कि यह सभी बातें दर्शाती हैं, कि भारत की नारी शक्ति देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने के लिए पूरी तरह तैयार है और अवसर मिलने पर ऐसा कोई पद नहीं है, जिसे वे हासिल न कर सकें।

रक्षा मंत्री सिंह शनिवार को आज उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (लबासना) के 100वें फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 'एक जिला एक उत्पाद' दुकान का उद्घाटन भी किया। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लबासना को ऑफिसर्स की ट्रेनिंग की जो जिम्मेदारी दी गई है, उस जिम्मेदारी को तो यह संस्थान बखूबी निभा ही रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ यह संस्थान कई महत्वपूर्ण कोर्स भी करवा रहा है। जो अफसरों के सर्वांगीण विकास में सहायक हैं।

उन्होंने ऑफिसर ट्रेनीज को संबोधित करते हुए कहा कि आप देश की प्रशासन व्यवस्था संभालेंगे। नीति निर्माण से जुड़े फैसले लेंगे। नीति को धरातल पर उतारेंगे। यह कार्य भारत का भविष्य तय करेंगे। यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे सफलतापूर्वक निभाना होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि आप नौकर शाह नहीं हैं, बल्कि लोक सेवक हैं और भारत के नागरिकों के लिए कार्य करते हैं। सिविल सेवा के हर कार्य से करोड़ों जीवन जुड़े हुए हैं। करोड़ों सपने जुड़े हुए हैं और लोगों के जीवन की दिशा निर्धारित करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज जब मानवता के सामने कई नैतिक चुनौतियां हैं, तब हमें ऐसे सिविल सर्वेंट्स की ज़रूरत है जो अपनी प्रतिभा का उपयोग केवल निजी सफलता के लिए नहीं, बल्कि समाज और मानवता के कल्याण के लिए करें।

उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया सर्विसेज सेंट्रल सर्विसेज में चयन के लिए कठिन परिश्रम की जरूरत होती है और चयनित सभी युवाओं ने कड़ी मेहनत कर सिविल सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने कहा कि हर अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह अहंंकार त्याकर कर कार्य करें। यदि अंहकार का भाव होगा तो लोगों की सेवा नहीं हो पाएगी और समाज में भी अपयश मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी पब्लिक का सेवक है और सेवा भाव से किया गया कार्य ही सफलता की कुंजी भी है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रत्येक अधिकारी जन सेवा के भाव से कार्य करेगा।

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Edited By: Hritik Sinha

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