असम-मिजोरम सीमा विवाद : हिमंता विश्वा सरमा बोले – कोई एक इंच हमारी जमीन नहीं ले सकता
सिलचर : असम-मिजोरम सीमा विवाद और उसमें पांच पुलिस कर्मी सहित छह की जान जाने के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा ने राज्य में तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित कर दिया है। हिमंता ने आज मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही उन्होंने दो राज्यों के सीमा विवाद पर कड़े तेवर दिखलाते हुए कहा कि कोई भी हमारी एक इंच भूमि नहीं ले सकता है, हमलोग अपने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हिमंता ने कहा कि असम-मिजोरम बॉर्डर पर गोलीबारी के बाद मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री को छह बार फोन किया। उन्होंने मुझसे से सॉरी कहा और बातचीत के लिए आइजोल बुलाया। उन्होंने कहा कि हमारी एक इंच जमीन भी कोई नहीं ले सकता और हम उसकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
#UPDATE असम सरकार ने असम-मिज़ोरम सीमा संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले पांच पुलिसकर्मियों और एक नागरिक के सम्मान में 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। https://t.co/V0GmMxBzSL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 27, 2021
हिमंता ने कहा कि मैं जमीन की एक इंच भी किसी को नहीं दे सकता, अगर कल संसद एक कानून बना दे कि बराक वैली को मिजोरम को दिया जाए तो मुझे इसमें आपत्ति नहीं है। परंतु जब तक संसद यह फैसला नहीं लेती, मैं किसी भी व्यक्ति को असम की जमीन नहीं लेना दूंगा।
I called Mizoram CM six times when firing was taking place (at Assam-Mizoram border yesterday). He said ‘sorry’ & invited me for talks in Aizawl. No one can take even an inch of our land. We’re committed to securing our territory. Police are on the border: CM Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/7l3K9BN5Xe
— ANI (@ANI) July 27, 2021
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह दो राज्यों के बीच सीमा विवाद का मामला है। यह सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह विवाद तब भी था जब दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने कहा कि यह विवाद दो राज्यों के बीच है न कि दो राजनीतिक दलों के बीच।
This is not a political issue. This is a boundary dispute between two states. This is a long-standing border dispute. There was dispute even at the time when Congres govt was there on both sides. This is a dispute between two states, not between two political parties: Assam CM pic.twitter.com/dhuBpwDfbq
— ANI (@ANI) July 27, 2021
हिमंता ने कहा कि यह घटना असम की सीमा पर हुई और हमारी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि यह जांच की जा रही है कि नागरिकों को हथियार कहां से मिले।
उन्होंने कहा कि कल असम-मिजोरर सीमा पर शहीद हुए पुलिस कर्मियों के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी और घायलों के इलाज के लिए प्रति व्यक्ति को एक लाख रुपये दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि घायल एसपी को इलाज के लिए मुंबई भेजा जाएगा।
असम-मिजोरम सीमा विवाद क्या है?
सोमवार को असम-सीमा विवाद में चली गोलीबारी में असम के पांच जवान सहित छह लोगों की मौत हो गयी। ऐसा दो भारतीय राज्यों के बीच पहली बार हुआ। इन दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना मुद्दा है। असम और मिजोरम 165 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं। मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब व ममित और असम के तीन जिले कछार, करीमगंज व हैलाकांदी सीमा पर हैं।
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने घटना के दुःखत बताया है और कहा है कि यह संघर्ष तब हुआ जब कोलासिब के स्थानीय पुलिस अधीक्षक ने उन लोगों से मिलकर उन्हें समझाने की कोशिश की हैण् जब असम पुलिस ने ग्रेनेड फेंके और फ़ायरिंग की तो मिज़ोरम पुलिस ने शाम चार बजकर 50 मिनट पर फायरिंग कीण्दिन के साढे 11 बजे कछार जिले के वैरंगते ऑटो रिक्शा पड़ाव के पास बने सीआरपीएफ पोस्ट में असम के 200 से अधिक पुलिसकर्मी घुस और इन लोगों ने मिजोरम पुलिस एवं स्थानीय लोगों पर बल प्रयोग किया। जब स्थानीय लोग जमा हुए तो उन पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और टियर गैस का इस्तेमाल किया जिसमें कई लोग घायल हुए। कोलासिब के एसपी ने उन लोगों से मिल कर उन्हें समझाने की कोशिश की, जब असम पुलिस ने ग्रेनेड फेंके तब मिजोरम पुलिस ने शाम चार बजकर 50 मिनट पर फायरिंग की।
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा ने कहा कि यह पूरा विवाद तब आरंभ हुआ जब यथास्थिति का उल्लंघन करते हुए मिजोरम सरकार ने लैलापुर जिले जो असम के इलाके में पड़ता है वहां सड़क बनाने का काम शुरू किया। इसी सिलसिले में असम पुलिस के आइजी, डीआइजी व एसपी स्तर के अधिकारी वहां पहुंचे थे ताकि लोगों को यथास्थिति बनाए रखने के लिए समझा जा सके।