#yesbankcrisis यशबैंक के संकट पर वित्तमंत्री सीतारमण व आरबीआइ गवर्नर ने क्या बोला?

Union Finance Minister Nirmala Sitharaman on #YesBank crises I want to assure all the depositors that their money is safe.

नयी दिल्ली/मुंबई : यश बैंक के संकट पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि घबराने की जरूरत नहीं है. उनका पैसा बैंक में सेफ है. उन्होंने कहा कि वे रिजर्व बैंक के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि यश बैंक के लिए जो कदम उठाए गए वह जमाकर्ताओं, बैंक और अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं.
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman on #YesBank: I want to assure all the depositors that their money is safe, I am constantly in touch with the Reserve Bank of India (RBI). The steps that are taken are in the interest of the depositors, the bank & the economy. pic.twitter.com/t48fmk07vw
— ANI (@ANI) March 6, 2020
वहीं, एसबीआइ चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि आरबीआइ यश बैंक के फाइनेंशियल सिस्टम को स्थायी करने के लिए जो भी कदम है वो उठा रहा है और हमेशा उठाता रहेगा. अगर एसबीआइ को यश बैंक को लेना है तो इसका इन प्रिंसिपल का जो फैसला है, वो हमने स्टाॅक एक्सचेंज को दे दिया है.
उधर, आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने ग्राहकों को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि वे घबराएं नहीं. उन्होंने कहा कि अगले 30 दिनों में आबीआइ इस बैंक को रिवाइव करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह फैसला बड़े स्तर पर लिया गया है न कि व्यक्तिगत संस्था की तरह. गवर्नर दास ने कहा कि सरकार का पहला लक्ष्य देश की आर्थिक व्यवस्था को दुरुस्त करना है.
50,000 की नकद निकासी सीमा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण: अगर किसी के घर में शादी या कोई बड़ा खर्चा है तो इन सबके लिए कानूनी प्रावधान हैं। रिजर्व बैंक के नियुक्त अधिकारी उनको जरूरी खर्च के लिए जो पैसा देना है वो देंगे। उनको राहत मिलेगी। #YesBank pic.twitter.com/pBxRlEfw7P
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 6, 2020
उन्होंने कहा कि हम बैंक को रिवाइव करने के लिए तेजी से कदम उठा रहे हैं और उसके जमाकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि आरबीआइ यश बैंक की निगरानी कर रहा था. उसे रिकवरी के लिए समय दिया गया था, लेकिन इनवेस्टर्स नहीं मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया.
मालूम हो कि गुरुवार को आरबीआइ ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यश बैंक से 50 हजार रुपये से अधिक रकम निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया. यश बैंक फिलहाल आरबीआइ के नियंत्रण में चला गया है और ग्राहक अपने खाते से 50 हजार से अधिक रकम नहीं निकाल सकते. यह प्रतिबंध पांच मार्च से तीन अप्रैल तक के लिए है. अगर कस्टमर के पास चार खाते हैं तो सभी को मिलाकर भी वह मात्र 50 हजार रुपये ही निकाल सकता है. हालांकि कुछ शर्ताें व अति आवश्यक जरूरतों के लिए इसमें छूट है. रिजर्व बैंक के इस कदम के बाद कल यशबैंक के एकाउंट धारी की एटीएम पर अपने पैसे निकालने के लिए लंबी कतार लग गयी.
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एचडीएफसी चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा है कि हालात जल्द सामान्य हो जाएंगे और अगर एसबीआइ कैपिटलाइजेशन के लिए उन्हें बुलाता है तो एसडीएफसी भी उसमें शामिल होना चाहेगा.