कोरोना के डर से लगा अस्थियों का ढेर, रिश्तों का हुआ विसर्जन
On

समृद्ध डेस्क : कोरोना संक्रमण (Corona infection) का डर इस कदर बढ़ चुका है कि घर परिवार के किसी सदस्य की अगर कोरोना से मौत हो रही है तो परिवार के उस सदस्य की अस्थियों को भी लेने परिजन शमशान नहीं जा रहें हैं. मगर कोरोना का भय लोगों के बीच में इतना बढ़ना सही नहीं है. लोग अपने परिवार के सदस्यों के हुए अंतिम संस्कार के बाद भी कई दिनों तक अस्थियों (Ashes) को छूना तक नहीं चाह रहे हैं. ऐसे में भले श्मशान घाट (cremation grounds) में अस्थियों का ढेर लगा पड़ा है लेकिन इस वजह से रिश्तो का विसर्जन ज़रूर (immersion) हो गया है.
जानकारी के लिए बता दें अस्थियों की ढेर लगी पड़ी यह तस्वीर गुजरात (Gujarat) के सुरेंद्रनगर (Surendranagar)के श्मशान घाट की है. जहां कोरोना से जान गवाने वाले लोगों की अस्थियों का ढेर कचरे की तरह जमा हो गया है. जिसे अंतिम संस्कार के कई दिनों के बाद तक भी परिवार वाले लेने नहीं आ रहे हैं. वही इन अस्थियों को कचरे की तरह डंपिंग साइट पर फेंका जा रहा है.
क्या लोगो के बीच कोरोना का इतना भय सही है कि परिवार वालों ने अपने ही घर सदस्य के अस्थियों को लेना और उसे विसर्जन करना ज़रूरी नहीं समझा. इस खबर के जरिए बिना किसी से सवाल किए हम केवल यह संदेश देना चाहते हैं कि महामारी को गंभीरता से लेने की धुन में कही हम अस्थियों के जगह रिश्तों का विसर्जन न कर दें. बता दें गुजरात में अब तक 145000 तक कोरोना संक्रमित मरीज पाएं गए हैं. वहीं 125000 के करीब मरीज ठीक हो कर घर वापिस लौट चुके हैं। जिसमे कि 3519 की कोरोना से मौत हो गई है.
Edited By: Samridh Jharkhand