पश्चिम बंगाल : मनरेगा श्रमिकों के बकाया को लेकर पश्चिम बंगाल खेत मजदूर समिति ने PIL दायर किया
कोलकाता : पश्चिम बंगाल खेत मजदूर समिति ने महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर कलकत्ता हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है और कई शर्ताें के साथ मजदूरों का बकाया भुगतान करने की मांग की है।
समिति ने मांग की है कि केंद्र व राज्य सरकार के बीच मनरेगा को लेकर पत्राचार व सूचनाओं के आदान-प्रदान को सार्वजनिक किया जाए। मनरेगा के तहत काम की जांच के लिए हाल में पश्चिम बंगाल का दौरा करने वाली टीम की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के द्वारा जमा किए गए 2022-23 के लेबर बजट को मंजूरी दे, ताकि मनरेगा काम तुरंत शुरू हो सके।
केंद्र सरकार मजदूरों के एरियर की 2600 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान करे। इसके साथ ही मुआवजा का भुगतान किया जाए। सभी श्रमिकों को एक अप्रैल 2022 से काम नहीं होने को लेकर बेरेाजगारी भत्ता का लाभ दिया जाना चाहिए।
राज्य सरकार को नौकरशाही और राजनीति से मुक्त स्वतंत्र सोशल ऑडिट कराना चाहिए। नागरिक सतर्कता को प्रभावी व मजबूत किया जाना चाहिए। भ्रष्टाचार की शिकायतों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और समय-समय पर सोशल ऑडिट कराना चाहिए। राज्य सरकार को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहिए। राज्य सरकार को कम से कम 3500 करोड़ रुपये का फंड बनाना चाहिए ताकि भविष्य में भुगतान में देरी होने पर उससे मजदूरों का भुगतान किया जा सके।
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में इस साल के शुरू से मनरेगा का काम व श्रमिकों का भुगतान रुका हुआ है। समिति ने अपने बयान में केंद्र व राज्य के विभागीय मंत्रियों की मुलाकात व इस संबंध में कवायद को आगामी पंचायत से जुड़ा हुआ बताया है। बयान में यह कहा गया है कि केंद्र व राज्य सरकार भुगतान रुकने से मजदूरों की आजीविका पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर संवेदनशील नहीं है।