निश्चय पत्र भ्रम का पिटारा, झामुमो ने झारखंड आंदोलन बेचा: भाजपा
On
रांची: भाजपा ने झामुमों के निश्चय पत्र को महज छलावा व भ्रम का पिटारा करार दिया है। इस पर शनिवार को कटाक्ष करते हुये पार्टी के उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने आरोप लगाया कि इसमें उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। कहा गया है कि उठो लड़ो व आंदोलन करो, लेकिन सच्चाई यही है, कि जेएमएम ने ही यहां के आंदोलन को बेचने का काम किया है।
श्री वर्मा ने कहा कि 1993 से लेकर लगातार अपना आंदोलन बेचे हैं , कांग्रेस के हाथों में , 1993 में ही झारखंड का उदय हो चुका था। परंतु झामुमो ने अपना आंदोलन बेच दिया था। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने कहा कि घोषणापत्र में जल, जंगल और जमीन को बचाने की बात कर रहे हैं, लेकिन हेमंत सोरेन के परिवार आदिवासियों की जमीन को औने- पोने दाम में खरीदे हैं। गरीब- गरीब हो रहा है और अमीर- अमीर बनते जा रहा है। इस पर भी ने कहा कि गरीब आदिवासियों की जमीन को लूट कर एक- एक दिन में छह- छह रजिस्ट्री करा कर सोरेन परिवार अमीर बनता जा रहा है और झारखंड के आदिवासी गरीब। राष्ट्रवाद के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि क्या राष्ट्रवाद की बात करना गलत है, हेमंत जी आखिर झारखंड मुक्ति मोर्चा किसके दबाव में है कि राष्ट्रवाद के नाम पर भी आपत्ति हो रही है ।
वर्मा ने कहा कि झामुमो का निश्चय पत्र अनिश्चितता की स्थिति में पेश किया गया है। मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भाजपा पर राजनीतिक और धार्मिक असहिष्णुता फैलाने का आरोप लगाया है, लेकिन पं. बंगाल में ममता दीदी के साथ मंच शेयर कर वे क्या कर रहे हैं। ममता ने वहां अशांति की जो स्थिति पैदा कर रखी है, वह कौन सी सहिष्णुता। विरोधी दलों के नेताओं का हेलीकॉप्टर तक वहां नहीं उतरने दिया जा रहा है। क्या यह राजनीतिक सहिष्णुता है। झामुमो के निश्चय पत्र में कहा गया है कि भाजपा के शासन काल में देश की सत्ता पर पूंजीपतियों द्वारा पोषित लोग कब्जा जमाये हुए हैं। लेकिन झामुमो जब राज्यसभा में बाहर के पूंजीपतियों को भेजती है और बालू की नीलामी मुंबई के पूंजीपति को करती है तो उसे क्या कहेंगे। इसका तो यही मतलब है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।
Edited By: Samridh Jharkhand
