ई-वेस्ट जागरूकता अभियान को मिला अमिटी विश्वविद्यालय एवं ओप्पो इंडिया का सहयोग

जागरूकता अभियान में ई-वेस्ट के बारे में दी गयी जानकारी

ई-वेस्ट जागरूकता अभियान को मिला अमिटी विश्वविद्यालय एवं ओप्पो इंडिया का सहयोग
ई-वेस्ट जागरूकता अभियान में शामिल छात्र एवं सदस्यगण.

ओप्पो इंडिया ने अमिटी विश्वविद्यालय झारखंड से 200 से अधिक सस्टेनेबिलिटी इंटर्न्स को शामिल किया है. ये इंटर्न राज्य के 50 से अधिक स्कूलों में जाकर अगले पीढ़ी को ग्रीन स्किल्स अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे.

रांची: ओप्पो इंडिया ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के साथ साझेदारी में अपने 'जेनेरेशन ग्रीन' अभियान के दूसरे चरण का विस्तार अमिटी विश्वविद्यालय झारखंड तक किया है. यह राष्ट्रव्यापी ई-वेस्ट जागरूकता अभियान अमिटी विश्वविद्यालय झारखंड को 'इको-कॉन्शियस चैंपियन इंस्टीट्यूट' के रूप में पहचानता है. अभियान के पहले चरण में, ओप्पो इंडिया और AICTE ने भारत के कॉलेजों में युवाओं के बीच ग्रीन स्किल्स को बढ़ावा देने के लिए इंटर्नशिप की पेशकश की थी. 9,000 से अधिक छात्रों ने 1,400 से अधिक संस्थानों से आवेदन किया, जिसमें से 5,000 छात्रों का चयन किया गया.  

अभियान के दूसरे चरण में युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक कचरे के बढ़ते प्रबंधन की चुनौती के बारे में जागरूक किया जा रहा है, जिसमें बेकार तार, मोबाइल फोन, चार्जर और बैटरी का निपटान शामिल है, ताकि एक सतत भविष्य सुनिश्चित किया जा सके.  

इस अवसर पर अमिटी विश्वविद्यालय झारखंड के कुलपति डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव, मुख्य अतिथि यतीन्द्र कुमार दास, IFS, अतिरिक्त PCCF, वन भवन और राकेश भारद्वाज, हेड ऑफ पब्लिक अफेयर्स, ओप्पो इंडिया, महादेव टोप्पो, आदिवासी शोधकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता, के साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. अमिटी विश्वविद्यालय झारखंड और आसपास के स्कूलों के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता, बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट क्राफ्ट जैसी गतिविधियों के माध्यम से ई-वेस्ट प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाई.  

अभियान का उद्देश्य 2024 के अंत तक 10 लाख युवाओं तक पहुंचना है, जिसमें जागरूकता सत्र, ग्रीन प्रतिज्ञाएँ और ई-सर्वेक्षण जैसी गतिविधियों के माध्यम से ग्रीन स्किल्स को बढ़ावा देना है.  

यह भी पढ़ें रांची में बड़ा मेडिकल चमत्कार: पारस एचईसी हॉस्पिटल में 54 वर्षीय हार्ट मरीज की जान बची

डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव, कुलपति, अमिटी विश्वविद्यालय झारखंड, ने कहा, "हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि हमें ओप्पो इंडिया के 'जेनेरेशन ग्रीन' अभियान के तहत 'इको-कॉन्शियस चैंपियन इंस्टीट्यूट' के रूप में मान्यता दी गई है. यह कार्यक्रम हमारे छात्रों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है, जिससे वे ई-वेस्ट के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा सकें और भविष्य के लिए सतत प्रथाओं को प्रोत्साहित कर सकें." उन्होंने आगे कहा, "इस ई-वेस्ट जागरूकता अभियान के अलावा, अमिटी विश्वविद्यालय झारखंड ने ओप्पो इंडिया के साथ साझेदारी में आदिवासी अनुसंधान एवं उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया है. यह केंद्र आदिवासी समुदायों को सतत व्यवसायिक अवसरों के लिए प्रशिक्षण, संसाधन और परामर्श प्रदान करेगा."  

यह भी पढ़ें Koderma News: मंजुला शर्मा मेमोरियल एकेडमी में मानवाधिकार जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

वाई.के.दास, अतिरिक्त PCCF, वन भवन ने पर्यावरण स्वास्थ्य और जनकल्याण को संरक्षित करने में ई-वेस्ट प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने ओप्पो इंडिया के 'जेनेरेशन ग्रीन' अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा, "यह अभियान युवाओं में सतत प्रथाओं को स्थापित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है. ई-वेस्ट की जटिलताओं को समझकर, छात्र पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होंगे."  

यह भी पढ़ें Ranchi News : झारखंड कृषि विभाग पर अफसरशाही और ब्लैकलिस्टेड कंपनियों का कब्जा, PDMC योजना में बड़े घोटाले के आरोप

राकेश भारद्वाज, हेड ऑफ पब्लिक अफेयर्स, ओप्पो इंडिया ने कहा, "ओप्पो इंडिया में हम भारत सरकार के नेट-जीरो दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्ध हैं और युवाओं की शक्ति के माध्यम से सतत भविष्य की दिशा में एक राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं." उन्होंने आगे कहा, "हमारे 200 से अधिक सस्टेनेबिलिटी इंटर्न 50 से अधिक स्कूलों में छात्रों को ग्रीन स्किल्स अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे."  
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास (UNCTAD) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2010 से 2022 के बीच इलेक्ट्रॉनिक कचरे की पीढ़ी में 163 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो कि स्क्रीन, कंप्यूटर और छोटे आईटी और दूरसंचार उपकरणों से सबसे अधिक होती है.  

यह कार्यक्रम AICTE के सहयोग से ओप्पो इंडिया के 'जेनेरेशन ग्रीन' अभियान का हिस्सा था, जिसे 8 जुलाई 2024 को AICTE के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम द्वारा शुरू किया गया था. अमिटी विश्वविद्यालय झारखंड ने अपने परिसर और व्यापक समुदाय में इको-फ्रेंडली प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से प्रदर्शित किया, जिससे शिक्षा में सततता को बढ़ावा देने में इसकी नेतृत्वकारी भूमिका को मजबूत किया गया.

Edited By: Subodh Kumar

Related Posts

Latest News

स्वर्णरेखा पुल निर्माण को लेकर विधायक ने उठाए सवाल, पथ निर्माण विभाग पर पक्षपात का आरोप स्वर्णरेखा पुल निर्माण को लेकर विधायक ने उठाए सवाल, पथ निर्माण विभाग पर पक्षपात का आरोप
एमएमके हाई स्कूल, बरियातू में विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी का भव्य आयोजन, 250 से अधिक मॉडल प्रदर्शित
साहिबगंज के प्रशांत शेखर को "सार्क 2025 अवार्ड" से सम्मानित किया जाएगा
श्री दिगम्बर जैन विद्यालय में बैडमिंटन, कैरम एवं चेस खेल का सिंगल्स व डबल्स फाइनल
झारखंड दौरे पर राष्ट्रपति, आदिवासी संस्कृति और जनसांस्कृतिक समागम में होंगी मुख्य अतिथि
प्रखण्ड स्तरीय समन्वयक समिति की बैठक आयोजित, विकास कार्यों की समीक्षा
Chaibasa News: नाबालिग से शादी का झांसा देकर यौन शोषण, आरोपी गिरफ्तार
नेपाल से आए संताल आदिवासी प्रतिनिधिमंडल का पाथरा आश्रम में पारंपरिक स्वागत, सांस्कृतिक एकता का संदेश
बीएचयू के 105वें दीक्षांत समारोह में अमन कुमार को एम.ए. हिंदी साहित्य की उपाधि
ठंड से राहत: रानीश्वर में गरीब व वृद्धजनों को मिला कंबल
उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला अनुकंपा समिति की बैठक, 8 आवेदकों को मिली स्वीकृति
क्लैट 2026 में डीपीएस रांची का शानदार प्रदर्शन, शौर्य प्रताप शाहदेव बने स्टेट टॉपर