बेटे के राजनीति जीवन पर “चौधरी पिता” लगाएंगे ‘ग्रहण”
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समृद्ध झारखण्ड टीम
रांची: रामटहल चौधरी उस स्थिति में पहुँच चुके हैं, जहाँ अगर उन्होंने निर्णय लेने में जरा भी जल्दबाजी की या हड़बड़ाहट दिखाई, तो उनके राजनीतिक जीवन में कोई खास प्रभाव पड़े या नहीं लेकिन उनके बेटे रणधीर चौधरी के राजनीति जीवन में निश्चित रूप से इसका काफी गहरा असर पड़ेगा।
क्योंकि वर्तमान में रणधीर चौधरी भाजपा के राँची जिला के ग्रामीण अध्यक्ष के पद पर हैं और रामटहल चौधरी के बगावती तेवर और उनके निर्दलिये चुनाव लड़ने की घोषणा बाद भाजपा का एक खेमा अंदर ही अंदर रणधीर चौधरी को पद से हटाने की बात करने लगा है। साथ ही पार्टी के लिए भी ऐसे समय पर बहुत ही विकट स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। रामटहल चौधरी ने अपने घोषित कदम उठाते हैं तो।
ऐसा होने पर रणधीर चौधरी का राजनीतिक करियर भाजपा से लगभग खत्म हो जाएगा। लोगों का मानना है कि रणधीर चौधरी को ग्रामीण जिला अध्यक्ष भी रामटहल चौधरी के दबाव में ही बनाया गया था। इस बात की टीस आज भी कार्यकर्ताओं में दिखती है। वैसे कहा ये भी जा रहा है कि भाजपा के प्रत्याशी संजय सेठ भाजपा नेताओं और आरएसएस के लोगों के साथ वर्तमान सांसद के पास जाकर इस मामले को सुलझाने का प्रयास करने वाले हैं। ताकि रामटहल चुनाव ना लड़कर पार्टी का समर्थन करते हुए संजय सेठ को विजयश्री का आशीर्वाद दें।
रामटहल इस बात के लिए मानेंगे या नहीं ये तो समय बतायेगा लेकिन उनके बेटे रणधीर चौधरी का राजनीतिक करियर दांव में लगा है जिसका भविष्य निर्धारण रामटहल का निर्णय करेगा।
Edited By: Samridh Jharkhand
