अलकायदा का खूंखार आतंकी कलीमुद्दीन गिरफ्तार
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– देश को दहलाने की साजिश एटीएस ने की नाकाम
– जेहाद के लिए प्रेरित कर भेजता था पाकिस्तान
– ठिकाना बदलते रहता था, 3 साल से थी तलाश
स्टेट ब्यूरो: झारखंड एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) टीम ने अब तक की सर्वाधिक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए जमशेदपुर से ओसामा बिन लादेन के वैश्विक आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े एक मोस्टवांटेड आतंकी को धर-दबोचा है। आतंकी का नाम मोहम्मद कलीमुद्दीन मुजाहिरी है। बताया जा रहा है कि स्लीपर सेल की सहायता से देश को दहलाने वाले किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। एटीएस टीम गोपनीय स्थान पर इससे कड़ाई से पुछताछ कर रही है।
कलीमुद्दीन मुजाहिरी आतंकवादी सगंठन अलकायदा इंडिया सबकंटिनेंट (एक्यूआइएस) में रहकर जेहाद ए वतन के लिए युवकों को तैयार करता था। पुलिस के मुताबिक कलीमुद्दीन मुजाहिरी युवाओं को जेहाद हेतु ब्रेन वाॅश कर ट्रेनिंग हेतु उन्हें पाकिस्तान भेजता था। देश भर की सुरक्षा एजेंसियां 2016 से ही अलकायदा के इस कुख्यात आतंकी की तलाश में थी। यह यह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहता था। वह आतंकवादी वारदातों को अंजाम देने के लिए कोलकाता, गुजरात, मुंबई, यूपी और विदेश में सऊदी अरब, अफ्रीका और बंगाल की अनेकों बार यात्रा कर चुका है।
झारखंड के एडीजीपी ऑपरेशन मुरारीलाल मीणा व एसपी ए विजयलक्ष्मी ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कलीमुद्दीन के तार अलकायदा से जुड़े हैं। कलीमुद्दीन को नकाब लगाकर मीडिया के सामने भी लाया गया। माना जा रहा है कि पुछताछ में यह बड़े खुलासे कर सकता है। एडीजीपी ने कहा कि मूल रूप से यह रांची के चान्हो के राड़गांव का गांव का निवासी है व अभी जमशेदपुर के आजाद नगर में ठिकाना बनाये हुए था।
कलीमुद्दीन इनका है मददगार
मोस्ट वांटेड आतंकी मोहम्मद कलीमउद्दीन प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अलकायदा के सक्रिय आतंकवादी मोहम्मद अब्दुल रहमान अली उर्फ कटकी, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल दिल्ली में बंद वह उसका सहयोगी है। इसके अलावे अब्दुल सामी, अहमद मसूद, राजू उर्फ नसीम अख्तर व जीशान हैदर का भी यह मददगार रहा है।
कौन है मौलाना कलीमुद्दीन
अलकायदा के इस आतंकी कलीमुद्दीन व उसके बेटा हुफैजा के बारे में जमशेदपुर, आजादनगर के स्थानीय लोगों को कोई खास जानकारी नहीं है। इस खूंखार के आपराधिक इतिहास को खंगालने के लिए यहां कई बार इंटेलिजेंस ब्यूरो की स्पेशल टीम भी आ चुकी है। मानगो के जवाहरनगर रोड नंबर 12, मुर्दा मैदान के पास स्थित इसका मकान हमेशा बंद रहता है। कलीमुद्दीन का पैतृक आवास रांगामटिया तमाड़ में है। विदेशी आतंकी आकाओं के निर्देश पर वह झारखंड में भटके युवकों को अलकायदा से जोड़ने में लगा था।
मदरसा को बनाया था ठिकाना
यह आतंकी जमशेदपुर के मानगो अंतर्गत जवाहरनगर रोड के मकान पर पहले जामिया मोहम्मद पी बिन अब्दुल्ला नाम से मदरसा चलाता था। प्राचार्य यहां कलीमुद्दीन खुद था। झारखंड एटीएस ने जब 16 सितंबर 2017 को इसके घर की कुर्की की तो उससे पहले ही यह अपने पुत्र फैजाना के साथ सउदी अरब भाग गया। कलीमुद्दीन पर बिष्टुपुर थाने में आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुड़ने, आतंकी संगठन का विस्तार करने, जिहाद के लिए युवाओं को भड़काने और देशद्रोह का मामला दर्ज है। गौरतलब है कि यह 1 फरवरी 2016 को ये दोनों पिता-पुत्र एटीएस के हत्थे चढ़े थे। इस दौरान इसने मानवाधिकार आयोग को पुलिस प्रताड़ना की शिकायत की थी। इसने प्रधानमंत्री तक को चिट्ठी लिखी थी व आयोग के हस्तक्षेप पर जमशेदपुर पुलिस ने उसे छोड़ दिया। तब ये सऊदी अरब भाग गए।
आजाद नगर आतंकियों की पनाहस्थली
खास बात ये है कि आतंकी कलीमुद्दीन को जमशेदपुर के आजाद नगर से दबोचा गया है और यह क्षेत्र आतंकियों का शरणगाह है। कोलकाता के अमेरिकन सेंटर पर हमला करने वाले नूर मुहम्मद को भी इसी स्थान से पकड़ा गया था। यहां का निवासी अब्दुल सामी अलकायदा से संबंद्ध था। इसे दिल्ली के स्पेशल सेल द्वारा हरियाणा के हयात से धरा गया था। अब्दुल सामी धतकीडीह निवासी अब्दुल सत्तार का पुत्र है। पुछताछ में इसने बताया था कि जनवरी 2014 में वह दुबई के रास्ते पाकिस्तान गया था, वहां करांची में कुछ दिन रुकने के बाद पाकिस्तान के मंसेरा में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद जनवरी 2015 में वह भारत आ गया था। वह कटक से गिरफ्तार आतंकवादी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी के संपर्क में था।
आतंकवादी गतिविधियों पर लगेगी लगाम: डीजीपी
झारखंड के पुलिस महानिदेशक कमल नयन चौबे ने आतंकी कलीमुद्दीन की गिरफ्तारी में शामिल एटीएस पदाधिकारियों व कर्मियों को बधाई व शुभकामनाएं दी है। डीजीपी ने कहा कि इस कार्रवाई के बाद आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगेगी।
Edited By: Samridh Jharkhand