शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की जमानत याचिका खारिज, तबीयत बिगड़ने पर देर रात अस्पताल में हुए भर्ती
धनबाद/रांची : झारखंड के शिक्षा मंत्री व झामुमो के वरिष्ठ नेता जगरनाथ महतो से जुड़ी दो अहम खबरें हैं। एक तो यह कि धनबाद की एक अदालत ने 27 लाख रुपये गबन मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। दूसरी, तबीयत बिगड़ने के बाद जगरनाथ महतो को शुक्रवार देर रात रांची के मेदांता अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
अदालत ने खारिज की जमानत याचिका
धनबाद की एक अदालत ने शुक्रवार को जगरनाथ महतो की 27 लाख रुपये के एक गबन मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी है। शुकवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने यह फैसला दिया है।
डुमरी के झारखंड इंटर कॉमर्स कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डेगलाल राम ने नौ फरवरी 2017 को कॉलेज के अध्यक्ष जगरनाथ महतो सहित सात लोगों के खिलाफ कॉलेज की 27 लाख रुपये की राशि गबन करने का शिकायत वाद दर्ज कराया था। 27 जून 2019 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी, गिरिडीह रंजय कुमार ने उपरोक्त सभी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया शिकायत को सही पाते हुए सम्मन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था। सम्मन के बाद भी ये लोग हाजिर नहीं हुए। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को मंत्री जगरनाथ महतो सहित सात के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया गया था।
अब अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। मंत्री जगरनाथ महतो ने नौ अगस्त 2021 को अन्य आरोपियों के बाद इस मामले में जमानत याचिका दाखिल की थी।
रांची में देर रात अस्पताल में कराए गए भर्ती
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की शुक्रवार रात तबीयत बिगड़ गयी, इसके बाद देर रात उन्हें रांची के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मालूम हो कि पिछले साल कोरोना से संक्रमित होने के बाद जगरनाथ महतो की तबीयत अधिक बिगड़ गयी थी। उसके बाद उन्हें इलाज के लिए रांची से चेन्नई एयर ऐंबुलेंस के जरिए ले जाया गया था। चेन्नई में डाक्टरों की एक विशेष टीम ने लंबे समय तक उनका इलाज किया और उनका फेफड़ा ट्रांसप्लांट किया गया।
लंबे समय तक वहां इलाज कराने के बाद कुछ महीने पूर्व के गृह राज्य लौटे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उन्हें उनका मंत्रालय वापस कर दिया और वे हाल के सप्ताह में नियमित रूप से कामकाज कर रहे थे। पारा शिक्षकों सहित कई नीतिगत मामलों में भी उन्होंने पहल की है।