जदयू ने प्रशांत किशोर व पवन वर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया
पटना : बिहार के सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड ने आज अपने दो नेताओं प्रशांत किशोर व पवन वर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया. उनके निष्कासन का बयान पार्टी के प्रधान महसचिव केसी त्यागी ने जारी किया. मालूम हो कि 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की सत्ता में पुनर्वापसी के यही दोनों सूत्रधार थे.
Prashant Kishor tweets, “Thank you Nitish Kumar. My best wishes to you to retain the chair of Chief Minister of Bihar. God bless you.”. pic.twitter.com/zaz9tmBeKL— ANI (@ANI) January 29, 2020
भाजपा से अलग होने व 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने व जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद उनके द्वारा अलग खेमेबाजी किए जाने से परेशान चल रहे नीतीश कुमार की पवन वर्मा ने ही चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात करवायी थी. जिसके बाद नीतीश कुमार की अगुवाई में बने जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन के चुनाव प्रबंधन की कमान प्रशांत किशोर ने संभाली और शानदार जीत के साथ नीतीश कुमार को सत्ता में वापस आने का मौका मिला. प्रशांत किशोर ने जदयू के इस फैसले के बाद आज फिर एक बार ट्वीट किया है और नीतीश कुमार को इस बात के लिए शुभकामना दी कि वे फिर से मुख्यमंत्री के पद पर वापसी करें और ईश्वर उन्हें आशीर्वाद दें.
इससे पहले कल नीतीश कुमार की अगुवाई में हुई जदयू की बैठक में प्रशांत किशोर को नहीं बुलाया गया था. बैठक के बाद नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर व पवन वर्मा का नाम लिए बिना उनके रवैये पर नाराजगी जतायी थी. ये दोनों नेता नागरिकता संशोधन कानून पर जदयू के स्टैंड से असहमति जताते हुए इसका विरोध कर रहे थे. नीतीश कुमार ने यहां तक कहा था कि प्रशांत किशोर को उन्होंने अमित शाह के कहने पर जदयू में शामिल किया था.
इस प्रशांत किशोर ने कल ट्वीट कर नीतीश पर झूठ बोलने का आरेाप लगाया था और कहा था कि आप अपने रंग में मुझे रंगने की कोशिश कर रहे हैं. इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने यह भी कहा था कि क्या आप में इतना साहस है कि शाह के भेजे हुए आदमी को खारिज कर सकें.

