रिम्स को बनाएंगे विश्वस्तरीय संस्थान: चंद्रवंशी
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रांची: स्वास्थ्य, चिकित्सा व परिवार कल्याण मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था व सुविधाओं को सुदृढ़ व बेहतर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है व सीएम रघुवर दास के नेतृत्व में एक- एक व्यक्ति तक पंहुचाने हेतु तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। कहा कि रिम्स झारखंड का सर्वाधिक बड़ा मेडिकल कॉलेज है, लिहाजा इस बात पर फोकस किया जा रहा है, कि कैसे रिम्स को विश्वस्तरीय संस्थान के तौर पर परिणत किया जाय। चंद्रवंशी शुक्रवार को सूचना भवन में मीडिया से बात कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रिम्स में आनेवाले मरीजों को बेहतरीन सुविधाएं मिले, इस बाबत सुपरस्पेशियलिटी क्लिनिक में दूसरे पाली में भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावे डेंटल कॉलेज में नामांकन हेतु डेंटल काउंसिल की स्वीकृति, 40 सालों बाद रेडियोडायग्नोसिस की डिग्री व डिप्लोमा सीटों को एमसीआई ने मान्यता दे दी है। मंत्री ने बताया कि रिम्स में एमबीबीएस की सीटों में इजाफे को भी अप्रूवल मिल चुका है व अब यहां 150 सीटों की बजाय 180 सीटों पर एडमिशन लिया जाएगा। मैनपावर की कमी को दूर करने के प्रति भी सरकार गंभीर है।
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सुपरस्पेशियलिटी विभागों में 47 चिकित्सकों के पद पर बहाली प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, जबकि अन्य पदों पर बहाली की प्रक्रिया जारी है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रिम्स में जल्द ही स्टेट ऑफ हार्ट आईसीयू की शुरूआत हो जाएगी। कहा कि विगत साढ़े चार सालों में सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई योजनाएं लागू की हैं, जिसका फायदा राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को मिल रहा है। इसी कारण मंगलवार को नीति आयोग द्वारा जारी स्वस्थ राज्य प्रगतिशील भारत रिपोर्ट के दूसरे संस्करण में झारखंड, राजस्थान और हरियाणा को वार्षिक वृद्धिशील प्रदर्शन में अव्वल राज्य घोषित किया गया है। नीति आयोग द्वारा मिली यह रैंकिंग पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है। कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र की बेहतरी व सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ बनाने और मूलभूत सुविधाएं बहाल कर दी गई हैं व कमियों को प्राथमिकता के साथ दूर करने की कवायद जारी है।
श्री चंद्रवंशी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में झारखंड का काफी बेहतर प्रदर्शन रहा है, कहा कि पूरे देश में गोल्डन कार्ड जारी करने में झारखंड का तीसरा स्थान है और सूचीबद्ध अस्पतालों द्वाला लाभुकों के इलाज में छठे पायदान पर है। उन्होंने बताया कि झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में 1,84,258 लाभुक अपना इलाज करा चुके हैं। इन लाभुकों ने लगभग 181 करोड़ का इलाज कराया है, जबकि राज्य के बाहर जाकर 1930 लाभुकों ने कुल 4.32 करोड़ रुपए का इलाज कराया है। बताया कि आयुष्मान भारत के तहत राज्य के 636 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, इनमें 218 सरकारी और 418 निजी अस्पताल शामिल हैं। इनमें लाभुकों के इलाज में कोताही बरतने के मामले 20 अस्पतालों को निलंबित कर कारण पूछा गया, जबकि 25 अस्पतालों को जुर्माना व 2 अस्पतालों को सूचीबद्ध अस्पतालों की लिस्ट से स्थायी रुप से हटा दिया गया है।
स्वास्य मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र की छह नई योजनाओं को लागू करने की तैयारी है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि देवघर स्थित एम्स में पहले बैच की पढ़ाई इसी साल से शुरू होने जा रही है। यहां 50 सीटों पर दाखिले के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अलावा हजारीबाग, पलामू और दुमका में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भी एमबीबीएस की 100- 100 सीटों के लिए पढ़ाई 2020- 21 से शुरु करने को लेकर जोरशोर से तैयारी चल रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मैनपावर की बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 885 करोड़ 25 लाख 42 हजार रुपए की लागत से इन तीन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ कोडरमा व चाईबासा में भी जिला अस्पतालों को उत्क्रमित कर मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना को सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है। इन दोनों मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण के लिए सरकार ने कुल 314.35 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है। मौके पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, रिम्स के निदेशक डॉ डीके सिंह, सूचना व जनसंपर्क विभाग के निदेशक रामलखन प्रसाद गुप्ता सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
Edited By: Samridh Jharkhand
