माफी मांगे मुख्यमंत्री अन्यथा कानूनी कार्रवाई करेंगे: हेमंत
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लीगल नोटिस भेजकर सात दिनों में जवाब मांगा
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को एक लीगल नोटिस भेजकर कहा है कि या तो वे इसका जवाब सात दिनों के भीतर दें या फिर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। ऐसा नहीं करने पर वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। सोरेन ने यह नोटिस सीएम के उस बयान के विरुद्ध भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बरहेट विधायक हेमंत सोरेन ने सीएनटी व एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर साहिबगंज के पतना में आलीशान घर बना चुके हैं।
हेमंत सोरेन ने रविवार को कांके रोड स्थित अपने आवास में आहूत मीडिया वार्ता में दो टूक कहा कि किसी राजनीतिक कार्यकर्ता के लिए छवि ही उसकी बड़ी पूंजी होती है, लेकिन रघुवर दास ने उनकी छवि को धुमिल करने का बीड़ा उठा रखा है, कई बार मुख्यमंत्री द्वारा यह सार्वजनिक तौर पर झूठा और मनगढ़ंत आरोप लगाया है कि देशभर में सोरेन परिवार ने 500 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली है। उन्होंने इस मामले में अपने विधिक सहयोगियों से परामर्श लेकर वकील के माध्यम से श्री दास को लीगल नोटिस भेजा है।
उन्होंने राज्य सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि रघुवर सरकार ने 2015 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था, लेकिन आजतक सरकार ने उक्त रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं की। सरकार सिर्फ इसपर राजनीति कर रही है। कहा कि अगर सरकार में हिम्मत है कि वे सीएनटी उल्लंघन के पूरे मामले की सीबीआई जांच कराएं। कहा कि हेमंत सोरेन हों या कोई भी, जो दोषी हैं, उसे सजा दिलाएं। सोरेन ने कहा कि लीगल नोटिस उन्होंने शनिवार को ही भेजा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पांच साल बाद भी मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा यह कहना कि हेमंत सोरेन ने कानून का उल्लंघन किया है, यह महज छलावा है, यदि वे दोषी थे, तो उन्हें जेल में रहना चाहिए था, सरकार या पुलिस- प्रशासन ने अब तक उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की ? एक प्रश्न पर श्री सोरेन ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा सीएनटी- एसपीटी एक्ट के उल्लंघन को लेकर अब तक उन्हें कोई शो-कॉज नोटिस नहीं भेजा गया है।
हेमंत सोरेन ने सीएम के एक रिश्तेदार के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि जमशेदपुर के सोनारी के रहने वाले मनीष दास ने सीएम के रिश्तेदार (साला) खेमराज साहू के विरूद्ध याचिका दायर की गयी है, इसमें यह जिक्र है कि नोटबंदी के समय मुख्यमंत्री के रिश्तेदार ने 15 लाख रुपये मनीष दास को रखने के लिए दिये थे व बदले में उन्होंने मनीष दास के घर के कागजात को रख लिया था और आज जब मनीष दास रुपये को लौटाना चाहते हैं, तो खेमरात साहू सत्ता का भय दिखाकर पूरे परिवार को डराने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने इस प्रकरण में चुप्पी साधी हुई है।
पीड़ित परिवार से अदालत से सुरक्षा की गुहार लगाई है। इस बाबत सरकार क्योें मौन है? क्यों नहीं स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायी जा रही है। सोरेन ने कहा कि रघुवर देश के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री है, जिन्होंने सदन तक में अपशब्दों का उपयोग किया है। इनकी भाषा व आचरण संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के अनुकूल नहीं है। कहा कि झामुमो, भाजपा के झूठतंत्र, लूटतंत्र एवं षड़यंत्र का हर संभव तरीके से विरोध करेगा और पर्दाफाश करेगा।
Edited By: Samridh Jharkhand
