98 प्रतिशत वोटर नहीं चाहते कोई क्रिमिनल सांसद या विधायक बने

98 प्रतिशत वोटर नहीं चाहते कोई क्रिमिनल सांसद या विधायक बने

  • एडीआर- इलेक्शन वाॅच का सर्वे
रांची: राज्य के अधिकांश लोगों का मानना है कि आपराधिक छवि वाले किसी व्यक्ति को सासंद या विधायक नहीं चुनना चाहिए। ऐसे विधायिका प्रहरियों से लोकतंत्र की छवि पर गहरा प्रभाव पड़ता है। मुद्दे की बात ये है कि आपराधिक प्रवृति के उम्मीद्वार वोट भी दबंगई से ही पाना चाहते हैं। जीतने के बाद जनता के लिए विकास के कार्य करने के बजाय खुद के और अपने परिवार के विकास में लग जाते हैं। एडीआर व झारखंड इलेक्शन वॉच द्वारा कराये गए सर्वे में भी यह बात निकल कर सामने आई है कि 98 प्रतिशत जनता चाहती है, कि क्रिमिनल बैकग्राउंड के आदमी विधायिका का हिस्सा नहीं होने चाहिए।
सर्वे में इस बात का खुलासा भी हुआ है, कि क्रिमिनल छवी वाले लोगों की जीतने की संभावना अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक हो जाती है। वहीं 39 प्रतिशत लोगों का यह मानना है, कि मतदान से पूर्व उन्हें यह मालुम नहीं होता कि उम्मीदवार का बैकग्रांउड क्या है। सर्वे के अनुसार 36 प्रतिशत लोग यह सोंच कर क्रिमिनल छवि वाले उम्मीदवार को वोट दे देते हैं क्यों कि क्राईम के अलावा ऐसे लोग कई अच्छे काम भी करते हैं। जबकि 48 प्रतिशत लोगों उम्मीदवार नहीं पार्टी देखकर वोट करते हैं, और 39 प्रतिशत लोग सीएम उम्मीदवार को देखकर वोट करते हैं।
एडीआर ने यह सर्वे अक्टूबर से दिसंबर 2018 के बीच राज्य के सभी लोकसभा सीटों में 2.75 लाख लोगों के बीच किया था। जिसका प्रमुख टाॅपिक था क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले को वोट देना चाहिए। यह रिपोर्ट झारखंड इलेक्शन वॉच के राज्य समन्वयक सुधीर पाल ने जारी की। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट राज्य की जनता का अपने उम्मीउदावारों के प्रति सोच को दर्शाता है।
ग्रामीण रोजगार व शहरी चाहते हैं सुरक्षा:
एडीआर द्वारा कराये गए इस सर्वे में कई अन्य पहलू भी सामने आये हैं। ग्रामीण रोगगार पर फोकस करते हैं, तो शहरी सुरक्षा को ज्यादा तरजीह देते हैं। वोटर बेहतर स्वास्थ्य, बिजली, शिक्षा को प्राथमिक सूची में रखते हैं।
84 प्रतिशत नही लेते सलाह:
एडीआर की रिपोर्ट में साफ हुआ है कि 84 प्रतिशत लोग अपने मत पर दूसरो की सलाह से किनारा काटते हैं। उन्हें इस बाबत कोई भी हस्तक्षेप पसंद नहीं। 6 प्रतिशत लोग अपने पति व पत्नी की सलाह पर मतदान करते हैं 19 प्रतिशत मानते हैं कि शराब और पैसे मिलने के कारण संबंधित उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं वहीं 83 फीसदी पैसा, शराब व गिफ्ट बांटने को अवैध मानते हैं।
Edited By: Samridh Jharkhand

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