Kolkata doctor case: ममता बनर्जी और विनीत गोयल के कॉल रिकॉर्ड की हो जांच: संबित पात्रा
पिता के आरोपों का हवाला देते हुए पात्रा ने कहा कि पहले उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर को लेकर प्रदर्शन जारी है। बुधवार देर रात डॉक्टर के माता-पिता भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना की पीड़िता के पिता के आरोपों का हवाला देते हुए ममता बनर्जी सरकार पर जमकर निशाना साधा।

पात्रा ने कहा कि आज पीड़िता के पिता के सवालों को उठाने की जरूरत है। वो ऐसा पिता हैं, जिनको न्याय नहीं मिला है। वो पिता, भाजपा और देश की जनता भी जानना चाहती है कि ऐसी क्या वजह थी कि ममता सरकार ने पीड़िता के माता-पिता को रिश्वत देने की कोशिश की। ममता सरकार ने डीसी के माध्यम से पीड़िता के माता-पिता को रिश्वत देने की कोशिश की और वह भी उस समय पर जब पीड़िता का शव घर में ही था। कोई भी रिश्वत देने का प्रयास तभी करता है, जब वह भ्रष्ट होता है और सच्चाई को छुपाना चाहता है।
पिता के आरोपों का हवाला देते हुए पात्रा ने कहा कि पहले उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की। लेकिन, वे अपनी बेटी का शव देखने के लिए भी साढ़े तीन घंटे इंतजार करते रहे। पुलिस उनको अंदर नहीं जाने देती है, जबकि उस कमरे में कई लोग आ-जा रहे थे। वहां हर कोई सबकुछ जानता था, इसके बावजूद पश्चिम बंगाल पुलिस प्रशासन की धृष्टता को देखिए कि उन्होंने मौत के कारण में अननैचुरल डेथ लिखा। उन्हें एक खाली और सादे कागज पर हस्ताक्षर करने को कहा गया। पोस्टमार्टम करने में देरी क्यों की गई? अस्पताल ने एफआईआर क्यों नहीं कराई?
पात्रा ने आगे पूछा कि शाम को माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को रात में एफआईआर के तौर पर दर्ज किया गया। जबरदस्ती करते हुए जल्दबाजी में अंतिम संस्कार क्यों कराया गया? किसी भी रिश्तेदार को डेड बॉडी के साथ एम्बुलेंस में नहीं जाने दिया गया, बल्कि उनकी बजाय वहां के टीएमसी के एक स्थानीय नेता को गार्जियन के तौर पर एम्बुलेंस में बैठा दिया गया। इंदिरा मुखर्जी और बंगाल सरकार के अन्य अधिकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जो तथ्य रख रहे हैं, वो सरासर झूठ है।
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
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