कृषि कानून की वापसी के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी रहेगा, 22 नवंबर को लखनऊ में होगी रैली
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 19 नवंबर को तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान किए जाने के बाद भी किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे। केंद्र सरकार के कृषि कानून वापसी के ऐलान के बाद शनिवार, 20 नवंबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम बैठक हुई, जिसमें तमाम परिस्थितियों पर विचार करते हुए विभिन्न किसान संगठनों ने आगे का निर्णय लिया।
संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक शुरू हुई। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी। pic.twitter.com/IhI6CAhOS6— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2021
किसानों के नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, आज की बैठक में फैसला लिया गया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं वो जारी रहेंगे। 22 को लखनऊ में रैली होगी और 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 को संसद तक ट्रैक्टर मार्च होगा।
आज की बैठक में फैसला लिया गया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं वो जारी रहेंगे। 22 को लखनऊ रैली, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 को ट्रैक्टर मार्च (संसद तक) होगा। आंदोलन जारी रहेगा: किसान नेता दर्शन पाल सिंह pic.twitter.com/80AgPx1b8B
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2021
22 तारीख को लखनऊ की रैली को कामयाब करना है। अगर लखीमपुर खीरी में हमारे साथियों को परेशान करने की कोशिश की जाती है तो फिर हम लखीमपुर खीरी इलाके में आंदोलन चलाएंगे: दर्शन पाल सिंह, किसान नेता pic.twitter.com/LclmgNcm5B
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2021
दर्शन पाल सिंह ने कहा, 22 तारीख को लखनऊ की रैली को कामयाब करना है। अगर लखीमपुर खीरी में हमारे साथियों को परेशान करने की कोशिश की जाती है तो फिर हम लखीमपुर खीरी इलाके में आंदोलन चलाएंगे।
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा। अगर सरकार को बातचीत करनी है तो वो बात कर सकते हैं। शुरू में ही ये बातचीत हो गयी होती तो इतने किसानों की मृत्यु नहीं होती।
22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा। अगर सरकार को बातचीत करनी है तो वो बात कर सकते हैं। शुरू में ही ये बातचीत हो गई होती तो इतने किसानों की मृत्यु नहीं होती: संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत, गाज़ीपुर pic.twitter.com/QGoIFJaK0C
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2021
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, सरकार ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए बोला है तो वो इसको कब तक वापस लेंगे इसके बारे में कुछ ठोस नहीं है। एमएसपी पर अभी कोई ठोस बात नहीं हुई है और जो मामले किसानों पर दर्ज़ हुए हैं उनको भी वापस लेना चाहिए।
सरकार ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए बोला है तो वो इसको कब तक वापस लेंगे इसके बारे में कुछ ठोस नहीं है। MSP पर अभी कोई ठोस बात नहीं हुई है और जो मामले किसानों पर दर्ज़ हुए हैं उनको भी वापस लेना चाहिए: सिंघू बॉर्डर से किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी pic.twitter.com/m7DOHRuK39
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2021

