प्रभात खबर के प्रधान संपादक रहे हरिवंश फिर राज्यसभा के उपसभापति चुने गए
नयी दिल्ली : प्रभात खबर अखबार के प्रधान संपादक रह चुके हरिवंश (Harivansh Narayan Singh) दूसरी बार राज्यसभा (Rajya Sabha) के उपसभापति चुने गए. इस साल राज्यसभा के लिए हुए द्विवार्षिक चुनाव मेें हरिवंश जदयू उम्मीदवार के रूप में बिहार से निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए. राज्यसभा में उनका यह यह दूसरा कार्यकाल है और उपसभापति के रूप में भी वे दूसरी बार चुने गए हैं.
I declare that Harivansh ji has been chosen as the deputy chairman of the Rajya Sabha: Rajya Sabha Chairman M.Venkaiah NaiduA voice vote was conducted for the election of Rajya Sabha deputy chairman. https://t.co/WfOGvFHqxq pic.twitter.com/nBshcec7p6
— ANI (@ANI) September 14, 2020
इससे पहले आठ अगस्त 2018 में हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति चुने गए थे. पिछली बार उन्होंने यूपीए उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को हराया था और इस बार यूपीए उम्मीदवार के रूप में राजद के मनोज झा को हराया है.
यूपीए उम्मीदवार मनोज झा ने चुनाव में हार के बाद एक शेर पढा. उन्होंने कहा कि यह दो लोगों के बीच का मामला नहीं है. अहमद फराज ने कहा है, तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल, हार जाने का हौसला है मुझमें.
This was not a matter between two individuals… Ahmad Faraz says – Tu mohabbat se koi chaal to chal, haar jaane ka hausala hai mujhme: RJD MP Manoj Jha who contested against Harivansh for Rajya Sabha Deputy Chairman post pic.twitter.com/3YugdDHy6M
— ANI (@ANI) September 14, 2020
ध्वनिमत से हुए चुनाव के बाद राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने उनके निर्वाचन का एलान किया. 64 साल के हरिवंश अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री धारी हैं. उनके निर्वाचन से यह भी साबित हुए है कि एनडीए को उच्च सदन में भी बहुमत हासिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की हरिवंश की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हरिवशं जी को दूसरी बार राज्यसभा उपसभापति चुने जाने पर बधाई देता हूं. सामाजिक कार्याें और पत्रकारिता के जरिए हरिवंश ने एक ईमानदार पहचान बनायी है. इसके लिए मेरे मन में उनके प्रति काफी सम्मान है.
लोकतंत्र की धरती बिहार से, जेपी और कर्पूरी ठाकुर की धरती से, बापू के चंपारण की धरती से जब कोई लोकतंत्र का साधक आगे आकर जिम्मेवारियंों को संभालता है तो ऐसा ही होता है, जैसा हरिवंश ने करके दिखाया है.
हरिवंश ने कुशलता से सदन का संचालन किया है. तेजी से बिल को पारित करनवाले के लिए वे घंटों तक सदन में बैठे रहे. सदन के इस मैदान में खिलाड़ियों से अधिक अंपायर परेशान रहते हैं. नियमों से खेलने के लिए सांसदों को मजबूत करना बहुुत चुनौतीपूर्ण कार्य है. हरिवंश ने दो साल अपने दायित्वों का सफलता पूर्वक निर्वहन किया और सबका विश्वास जीता. हरिवंश ने अपनी निर्णायक शक्ति और फैसलों से उन सबका भरोसा भी जीता है जो उनको नहीं जानते थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हरिवंश पर हम सबने भरोसा जताया था. उन्होंने हर स्तर पर उसे पूरा किया. मैंने पिछली बार कहा थ कि जैसे हरि सबके होते हैं, वैसे ही इस सदन के हरि भी पक्ष-विपक्ष सबके होंगे.

