कोरोना पीड़ित के गांव का नाम नहीं उजागर करने का मीडिया पर दबाव बनाना गलत : मरांडी
रांची : झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने एक बयान जारी कर कहा है कि दुमका जिला प्रशासन द्वारा मीडिया पर जिले में मिले कोरोना संक्रमित मरीजों का पता और गांव सार्वजनिक नहीं करने का दबाव बनाया जा रहा है. बकायदा दुमका जिला प्रशासन द्वारा इससे संबंधित एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ऐसा करने पर कानूनी कार्यवाई करने की चेतावनी दी गयी है. कोरोना पीड़ित का नाम सार्वजनिक नहीं करना, यह तो समझ में आता है पर गांव का नाम भी नहीं प्रकाशित करने की बात सीधे तौर पर प्रेस की स्वतंत्रता पर सरकार का हमला है.

मरांडी ने कहा है कि यह कोरोना लॉकडाउन का संकट है. विपदा की घड़ी है, 1975 का आपातकाल नहीं. जीवंत लोकतंत्र का प्रतीक हमारे देश में प्रेस को चैथा स्तंभ माना गया है. पत्रकार संयमित हैं, पाठकों और जनता तक सूचना पहुंचाना उनका दायित्व है. उम्मीद है, सरकार केवल जनसाधारण के लिए ही नहीं बल्कि अधिकारियों से भी.संयमित रहने की तय लक्ष्मण रेखा के पालन का अनुरोध करेगी. मरांडी ने लिखा है कि प्रेस पर बेवजह अंकुश लगाने और बिना सिर-पैर वाला फरमान जारी करना उचित नहीं है. दुमका जिला प्रशासन अविलंब इस धमकी भरे प्रेस विज्ञप्ति वाले तुगलकी फरमान को वापस करे. साथ ही राज्य सरकार, दुमका जिला प्रशासन के इस फरमान को तत्काल वापस कराना सुनिश्चित करे.
