क्या अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक में नेट ज़ीरो मार्ग को रेखांकित करेगी?

क्या अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक में नेट ज़ीरो मार्ग को रेखांकित करेगी?

वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक साथ काम करने के इरादे से 31 मार्च को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) और संयुक्त राष्ट्र की 26वीं क्लाइमेट चेंज कांफेरेंस (COP26) के नेट शून्य शिखर सम्मेलन में 40 से अधिक देशों के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और जलवायु नेताओं ने भाग लिया।

वर्षों से IEA नेट ज़ीरो का मार्ग रेखांकित करने में अपनी भूमिका को यह कह कर नकारता रहा है कि पेरिस समझौते के अनुकूल इस मार्ग पर चलना ण व्यावहारिक है न संभव है। इस पृष्ठभूमि में यह एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन था क्योंकि IEA दुनिया का सबसे प्रभावशाली मंच है जो दीर्घकालिक ऊर्जा परिदृश्यों को प्रदर्शित करता है। यही कारण है कि एनर्जी ट्रांजीशन के संदर्भ में संभावनाओं को आकार देने में इसकी शक्तिशाली भूमिका है।

लेकिन अब, IEA के मुखिया फातिह बिरोल ने न सिर्फ नेट ज़ीरो के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग तंत्र को मजबूत करने के लिए आईईए के पूर्ण समर्थन की पेशकश की है, बल्कि यह भी माना कि दुनिया का अधिकांश हिस्सा जलवायु संकट की गंभीरता और वैश्विक उत्सर्जन को शून्य पर लाने के लिए तत्काल कार्रवाइयों की गंभीरता पर सहमत है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, “अब ज़रूरत है अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की क्योंकि कोई भी देश अकेले ऐसा नहीं कर सकता है। यदि हम चाहते हैं कि स्वच्छ ऊर्जा का संक्रमण जल्दी से हो, तो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ अधिक प्रभावी और बारीकी से काम करना होगा। मैं यूके COP26 प्रेसीडेंसी के प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तंत्र को मजबूत करने के लिए IEA के पूर्ण समर्थन की पेशकश करता हूं, जो हमारे संक्रमण को नेट ज़ीरो तक पहुंचाएगा।”

IEA का ये कहना बड़ी बात है क्योंकि अब तक तो नेट ज़ीरो मार्ग को इसने तरजीह नहीं दी, मगर अब इस शिखर सम्मेलन में आगामी मई में नेट ज़ीरो मार्ग प्रकाशित करने की बात की है। अब ये देखना होगा कि IEA अपनी बात किस तरह रखता है। IEA द्वारा नेट ज़ीरो के लिए 1.5 डिग्री सेल्सियस के परिदृश्य के प्रकाशन में तीन मानदंडों का पूरा होना ज़रूरी है।

यह 3 मानदंड हैं :

– इसे पूरी तरह से विस्तृत होना होगा और वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक में शामिल कराना होगा

– इसे स्टेप्स नाम की बेसलाइन का 1.5 डिग्री के लिए अनुकूलन करना होगा।

– इसे ऑफसेटिंग और नकारात्मक उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों के अवास्तविक संस्करणों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, और न ही तापमान को कम करने पर अत्यधिक जोखिम भरा दांव लेना होगा।

पेरिस समझौते के पांच साल बाद, IEA अंततः यह पता लगाने की शुरुआत कर रहा है कि 1.5 डिग्री सेल्सियस मार्ग के साथ ऊर्जा निवेश को संरेखित करने के लिए क्या ज़रूरी होगा। जनवरी में, IEA ने पहली बार एक विस्तृत नेट-शून्य परिदृश्य का निर्माण करने का संकल्प लिया, जो इस मई में एक विशेष रिपोर्ट में जारी किया जाएगा।

लेकिन IEA ने अभी तक अपने बेहद महतवपूर्ण वार्षिक प्रकाशन, वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक, में 1.5 डिग्री सेल्सियस संरेखित परिदृश्य को शामिल करने के लिए प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है।

Edited By: Samridh Jharkhand

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