देश की 15 हजार नदियों में चार हजार नदियां निष्क्रिय हो गईं हैं : गोविंदाचार्य
लखनऊ : नरौरा, बुलंदशहर से शुरू हुई राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के के तत्वावधान और स्वदेशी विचारक गोंविदाचार्य की अगुवाई में चल रही गंगा संवाद यात्रा का शुक्रवार को 31वां दिन था। अपनी यात्रा के क्रम में वे विभिन्न वर्गाें के लोगों से मिल रहे हैं। ऊंचा प्रसोल गांव में 80 वर्षीय फुलवा का देवी जी ने गोविंदाचार्य जी से संवाद करते हुए कहा गंगा मैया जगत मैया है, इसे कोई नहीं मिटा सकता जो इससे मिटाएगा खुद ही मिट जाएगा।

बिना सहायक या पूरक नदियों के मुख्य नादियां भी स्वस्थ्य नहीं रह सकती हैं । यहाँ तीन मुख्य समस्या है, सबसे बड़ी समस्या गोवंश की है। बंदर किसानों की फसलों को नष्ट कर रहे हैं। दीवाली के समय भी भारी बरसात से खड़ी फसलें डूब गईं, यह पर्यावरण असंतुलन के कारण हो रहा है। गंगा संवाद यात्रा के सहयात्री पूर्व आईपीएस आरएन सिंह, उद्योगपति अनिल कुमार (हरदोई), वासुदेवाचार्य (बनारस), सुरेश अग्निहोत्री (कानपुर), जीवकांत झा (दिल्ली), संजय शर्मा, विवेक त्यागी, कृष्ण वीर सिंह (फिरोजाबाद), अजय सिंह, डॉ संदीप भदौरिया, मंजूषा, निरंजना देवी (गुजरात), निधि झा, विभा झा, ललिता देवी, सागर पाठक (झांसी), गिरधारी, मंटू तिवारी, श्रीराम लोधी (टीकमगढ़), रिंकू नामदेव (मध्य प्रदेश), मोहन सिंह (नेपाल), उपेंद्र तवेतिया (बुलंदशहर), ऋषभ राजपूत (झांसी), ललित झा (दिल्ली), उज्ज्वल झा (बिहार) हैं।
