मध्यप्रदेश विधानसभा में पारित हुआ लव जिहाद कानून, अब धर्म परिवर्तन की साजिश पर होगी कड़ी सजा, जानें
भोपाल : मध्यप्रदेश विधानसभा में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक विधेयक 2021 पारित हो गया। इसके पारित होने के बाद अब धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से अंतर धार्मिक विवाह करने पर कड़ी सजा मिलेगी। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने इस विधेयक को आठ मार्च को विशेष तौर पर विधानसभा में महिला दिवस के मौके पर पेश किया।
महिला दिवस पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने जो धर्म स्वातंत्र्य विधेयक बनाया वो आज विधानसभा में पारित हो गया, जिससे मन खुश है लेकिन मन दुखी भी है क्योंकि कांग्रेस ने जो भ्रम CAA पर फैलाया वही भ्रम वो धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं: म.प्र. के गृह मंत्री pic.twitter.com/o9DdLEeyEU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 8, 2021
विधेयक पारित होने के बाद मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक पर सीएए की तरह भ्रम फैला रही है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं के सम्मान में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पारित होना हर्ष और गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर धर्मांतरण के लिए होने वाले शादी-विवाह पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कड़ा कानून बनाया है।
उन्होंने कहा कि महिला दिवस पर बेटियों की सुरक्षा से जुड़े धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर कांग्रेस का विरोध उसके असली चरित्र को उजागर करता है। इससे उसकी महिलाओं के प्रति सोच का पता चलता है। सीएए पर भी उसने देश में भ्रम फैलाया था। उसका रवैया दुखद व अफसोसनाक है।
आज #अंतर्राष्ट्रीय_महिला_दिवस पर उनके सम्मान की रक्षा करने वाला #धर्म_स्वातंत्र्य_विधेयक विधानसभा में पारित होना हर्ष और गौरव की बात है।
प्रदेश में बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए होने वाले शादी-विवाह पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कड़ा कानून बनाया है। pic.twitter.com/Ezq1IYem4a
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) March 8, 2021
10 साल तक की सजा का प्रावधान
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधेयक को एक मार्च को सदन में पेश किया था और उसे चर्चा के बाद आज पारित किया गया। इसके पारित होनेे के साथ मध्यप्रदेश का 1968 का धर्म स्वतंत्रता कानून खत्म हो गया। इसमें प्रावधान है कि कोई व्यक्ति एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन करने में प्रलोभन, धमकी, विवाह, दबाव, बल प्रयोग, असम्यक और अन्य कपट पूर्ण साधन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रयोग करने को वर्जित किया गया है। धर्म परिवर्तन के लिए किसी भी तरह के षडयंत्र का इसमें निषेध किया गया है।
किसी भी व्यक्ति द्वारा इस कानून का उल्लंघन करने पर एक से पांच साल तक की जेल और कम से कम 25 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। नाबालिग, महिला, एससी-एसटी वर्ग के साथ कानून का उल्लंघन किया जाने पर दो से 10 साल तक की जेल की सजा होगी और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन कर कानून का उल्लंघन करने पर पांच से दस साल की सजा होगी और कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। एक से अधिक बार अधिनियम का उल्लंघन करने पर न्यूनतम पांच से लेकर दस साल तक की सजा होगी।