गुना में दलितों की पिटाई व जहर पीने के मामले में छह पुलिसकर्मी सस्पेंड, छोटे बच्चे ने बतायी अत्याचार की दास्तां

गुना में दलितों की पिटाई व जहर पीने के मामले में छह पुलिसकर्मी सस्पेंड, छोटे बच्चे ने बतायी अत्याचार की दास्तां

गुना : मध्यप्रदेश के गुना के कैंट थाना क्षेत्र में 14 जुलाई को दोपहर ढाई बजे दलित परिवार की खड़ी फसर पर जेसीबी चलाने, उनकी पिटाई करने और उन्हें जहर पीने को मजबूर करने के आरोप में मध्यप्रदेश सरकार ने छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इससे पहले बुधवार को इस मामले का वीडिया व फोटो वायरल होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले के कलेक्टर व एसपी का ट्रांसफर कर दिया था.

सरकार ने इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है और 30 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपी जाएगी. एएसपी को मामले की जांच का निर्देश दिया गया है. गुरुवार को जिन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, उनके पदनाम व नाम हैं: एसआइ अशोक सिंह कुशवाहा, सिपाही राजेंद्र शर्मा, पवन यादव, नरेंद्र रावत, नीतू यादव व रानी रघुवंशी.

उधर, कांग्रेस ने इस मामले को लेकर अहिरवार समाज के साथ मिलकर आज प्रदर्शन किया. वहीं, बहुजन समाज पार्टी एवं आम आदमी पार्टी ने घटना के विरोध में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस मामले में कांग्रेस की प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता विभा पटेल ने कहा कि विडंबना की बात यह है कि उस परिवार की एफआइआर तक नहीं लिखी गयी है.

कीटनाशक पीने वाले दंपती राजू अहिरवार व सावित्री अहिरवार के छह बच्चों में एक ने कहा कि घटना के दिन 150 के करीब अधिकारी वहां आए थे, मेरे माता-पिताने उनसे विनती की कि फसल कटने के बाद कार्रवाई की जाए पर वो नहीं माने, मजबूर होकर मेरे माता-पिता ने जहर खा लिया. ऐसे में वे लोग बोले मरने दो.

क्या है मामला?

गुना कैंट थाना क्षेत्र के जगनपुर चक में राजू अहिरवार व सावित्री अहिरवार ने किसी अन्य व्यक्ति से एक जमीन अधबटाई पर ली थी. उस पर वे झोपड़ी बना कर रहते थे और खेती कर अपने छह बच्चों को पालते थे. उनके साथ उनका एक भाई भी रहता है. उस जमीन को माॅडल काॅलेज निर्माण के लिए आवंटित किया गया है. काॅलेज बिल्डिंग बनाने वाली एजेंसी ने उस जमीन को खाली कराने को प्रशासन से आग्रह किया, जिसके बाद सरकारी अमला वहां पहुंचा. अहिरवार दंपती ने बताया कि अभी इस जमीन पर खड़ी फसल लगी है और खेती के लिए दो दो लाख रुपये का कर्ज भी उन पर है, फसल तैयार हो जाए तब वे उस जमीन को अपने कब्जे में लें. लेकिन, सरकार अमला उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुआ, जिसके बाद दंपती ने झोपड़ी से कीटनाशक निकाल कर पी लिया, जिसके बाद दहाड़ मार कर उनके बच्चे रोने लगे. दंपती का अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

Edited By: Samridh Jharkhand

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