नवरात्रि का छठा दिन: जानें मां कात्यायनी का स्वरूप, पूजन विधि एवं मंत्र
विवाह संबंधी समस्याओं के लिए अचूक है मां की पूजा
महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी पुत्री के रूप में पैदा हुई थीं. महर्षि कात्यायन ने इनका पालन-पोषण किया तथा महर्षि कात्यायन की पुत्री और उन्हीं के द्वारा सर्वप्रथम पूजे जाने के कारण देवी दुर्गा को कात्यायनी कहा.
रांची: आज 8 अक्टूबर को नवरात्रि का छठा दिन है. नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है. महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी पुत्री के रूप में पैदा हुई थीं. महर्षि कात्यायन ने इनका पालन-पोषण किया तथा महर्षि कात्यायन की पुत्री और उन्हीं के द्वारा सर्वप्रथम पूजे जाने के कारण देवी दुर्गा को कात्यायनी कहा. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक होती है, योग्य और मनचाहा पति इनकी कृपा से प्राप्त होता है. ज्योतिष में बहस्पति का सम्बन्ध इनसे माना जाता है.
मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य एवं चमकीला है. इनकी चार भुजाओं में अस्त्र, शस्त्र और कमल है. इनका वाहन सिंह है. उनके माथे पर अर्धचंद्र होता है. वे रत्नों से अलंकृत होती हैं. उनका आभामंडल इंद्रधनुषी छटा देता है.
मां कात्यायनी पूजा विधि
मां कात्यायनी का पूजन पीले रंग से करना है. सर्वप्रथम मां कात्यायनी की पूजा से पहले कलश देवता अर्थात भगवान गणेश का विधिवत तरीके से पूजन करें. भगवान गणेश को फूल, अक्षत, रोली, चंदन अर्पित कर उन्हें दूध, दही, शर्करा, घृत व मधु से स्नान कराएं. देवी को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद को पहले भगवान गणेश को भी भोग लगाएं. प्रसाद के पश्चात आचमन और फिर पान, सुपारी भेंट करें. फिर कलश देवता का पूजन करने के बाद नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता की पूजा भी करें. इन सबकी पूजा करने के बाद ही मां कात्यायनी का पूजन शुरू करें. इसके लिए सबसे पहले अपने हाथ में एक फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें. इसके बाद मां कात्यायनी का पंचोपचार पूजन कर, उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें. इसके बाद उनके समक्ष घी अथवा कपूर जलाकर आरती करें. अंत में मां के मन्त्रों का उच्चारण करें.
मां कात्यायनी का भोग
मां कात्यायनी को शहद अतिप्रिय है. ऐसे में पूजा के समय मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त का व्यक्तित्व निखरता है.
मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः ॥
मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र:
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना.
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी ॥
मां कात्यायनी स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥