मेयर ने लगाए महाधिवक्ता पर गलत कानून की व्याख्या का आरोप
राँची: शुक्रवार को मेयर आशा लकड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा मांगे गये महाधिवक्ता के मंतव्य को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता का मंतव्य उनका निजी विचार है। यह कोई कानून नहीं, जीसे मानना अनिवार्य है।

मेयर ने कहा कि वे महाधिवक्ता के मंतव्य के खिलाफ सोमवार को हाईकोर्ट की शरण में जाएंगी। उनहोंने बताया की महाधिवक्ता ने गलत कानून बताया है। उन्होंने कहा कि उनके लिये झारखण्ड नगरपालिका अधिनियम ही सर्वोपरी है।
मेयर ने कहा कि धारा 74 के तहत मेयर को निगम परिषद और स्थायी समिति की बैठक आहूत करने और समय निर्धारित करने का अधिकार है, धारा 75 के तहत बैठक की सूचना व कार्य की सूची 72 घंटे पहले भेजने का भी अधिकार प्राप्त है। धारा 76 के तहत आपातकालीन बैठक व एजेंडा तय करने और धारा 78 के तहत नगरपालिका की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता करने का भी अधिकार है।
मेयर ने कहा कि जनता ने उन्हें इसके लिये ही चुना है, की वे जनता के हित का कार्य करें । जनता के हित के लिये नगर निगम के पदाधिकारियों के कार्य की समीक्षा करना आवश्यक भी है और मेयर का अधिकार भी । उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों से उनके कार्यों के स्पष्टीकरण पूछने का मेरे पास संवैधानिक अधिकार है, आगे भी निगम के पदाधिकारियों के कार्यों से संबंधित जवाब मांगती रहूंगी।
