सामाजिक संस्था जोहार ने ग्रामीणों को दी महत्वपूर्ण जानकारियां, बताया – पलायन से पहले करें ये काम
दुमका : दुमका सदर प्रखंड, दुमका के दरबरपुर पंचायत के अंतर्गत भूलपहाड़ में शुक्रवार को मानव संसाधन विकास केंद्र के प्रतिनिधि ने ग्रामीणों से साथ व्यक्तिगत और सामुदायिक भेटवर्ता कर विभिन सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किय।

इस अवसर पर जोहार मानव संसाधन विकास केंद्र, दुमका के सामाजिक कार्यकर्ता सुशांत सोरेन ने विगत दिनों रामगढ प्रखंड क्षेत्र के प्रवासी मजदूर सोनोत टुडू की मौत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के चेन्नई के एहरोड रेलवे स्टेशन से पैतृक गांव लाने में कई समस्याएं आयीं।
उन्होंने ग्रामीणों को जानकारी देते हुए कहा कि बाहर जाने से पूर्व प्रवासी मजदूरों को रजिस्ट्रेशन, एजेंट का नाम पता, कंपनी का नाम, स्टेट का नाम, बस और ट्रेन टिकट बुकिंग रिकॉर्ड, मोबाइल नंबर, एक दो दोस्त का नाम पता, घर, ग्राम प्रधान, मुखिया आदि को सामान्य जानकारी देना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि ग्रामसभा मजबूत होने से गांव की 90 प्रतिशत समस्याएं गांव के लोग स्वयं हल कर सकते हैं।
क्षेत्रीय कार्यकर्ता वीडियो पाल ने झारखंड सरकार द्वारा वर्तमान में संचालित सुखाड़ राहत योजना, पीडीएस और डोर स्टेप डिलीवरी प्रणाली के तहत आदिम जनजाति पहाड़िया को मिलने वाले राशन के बारे में भूलपहाड़ गांव के दरबरपुर पंचायत के ग्रामीणों को राशन वितरण जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पहाड़िया परिवारों को प्रति कार्डधारी को 35 किलो चावल मुफ्त में दिया जाता है। ग्रामीण पुराण पुजहार, बुडू पुजहार आदि का कहना है कि आज अचानक लगभग 10.30 बजे बाद जानकारी प्राप्त हुई कि पहाड़िया परिवारों को राशन वितरण किया जा रहा है।
ग्रामीण अपने दैनिक मजदूरी काम को छोड़ कर राशन लेने सालटोला चबूतरा के लिए निकल गए। जानकारी दें कि भूलपहाड़ पहाड़ के ऊपर पहाड़िया बस्ती हैं। वहां से नीचे तक आने जाने के लिए कच्ची पगडंडी ही रास्ता है। हां, कुछ दूरी तक पीसीसी रोड कई साल पहले बना था।
पगडंडी रास्ते से होकर लोग भूलपहाड़ के सालटोला मेन रोड गाड़ी पकड़ने आते-जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार केवल नाम के लिए आदिम जनजाति के लिए घड़ियाली आंसू बहा रही है। जमीनी हकीकत देखने पर यह समझ आता है कि उन्हें कई तरह की बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है।
ग्रामीणों ने सरकार की ओर से केंद्रपहाड़ी, नृवा पहाड़ी से भूलपहाड़ तक पक्की सड़क निर्माण के लिए निवेदन किया है। लोग रोजी-रोटी रोजगार व्यवसाय नहीं होने के कारण प्रवासी मजदूर बनने को मजबूर हैं।
सर्वविदित है कि डोर स्टेप डिलीवरी नियम के तहत सभी कार्डधारीयो के घर तक राशन पहुंचाया जाता है। लेकिन आवागमन की सुविधा भी नहीं होने के कारण सालटोला चबूतरा में ही पहाड़िया परिवारों को राशन वितरण किया गया है। सही समय पर जानकारी नहीं देने के कारण कई राशन लेने से वंचित रह जाते हैं। तय दिन में राशन नहीं लेने से दोबारा राशन लेने में कई तरह के समस्या झेलना पड़ती है। इस अवसर पर कई महिला, पुरुष व युवा-युवती मौजूद थे।
