झारखण्ड के पूर्व मुखिया चंपाई सोरेन पहुंचे अपने गृह जिला, कहा किसी से कोई गिला- शिकवा नहीं
अपने गृह जिले सरायकेला पहुंचे चंपई सोरेन हो गए थे भावुक
लोगों की आंखें नम थीं, मगर पूर्व मुख्यमंत्री के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे, हालांकि वे थोड़े भावुक दिखे। उन्होंने बताया कि पांच महीने में तीन महीना चुनाव में बीत गया, काम करने का मौका मात्र दो महीना ही मिला।
चाईबासा: आज भले ही पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का कार्यकाल छोटा अवधी का रहा हो लेकिन कार्यकाल सराहनिय रहा। मगर अचानक से मुख्यमंत्री के पद से हटा देने का मलाल तो चंपाई दा का चेहरे पर झलक रहा था। वो ओर बात है की चेहरे पर मुस्कुराहट हो लेकिन अंदर ही अंदर गम झलकता रहा। इन सभी नजारा देखने को तब मिला जब शनिवार को मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद चंपाई सोरेन अपने गृह जिला राजनगर पहुंचे जहां क्षेत्र के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। साथ ही उनके पांच माह के कार्यकाल को अबतक का सबसे बेहतर कार्यकाल बताते हुए उनका इस्तकबाल किया।
पूर्व मुख्यमंत्री के स्वागत में जगह- जगह लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान लोगों की आंखें नम थीं, मगर पूर्व मुख्यमंत्री के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे, हालांकि वे थोड़े भावुक दिखे। उन्होंने बताया कि पांच महीने में तीन महीना चुनाव में बीत गया, काम करने का मौका मात्र दो महीना ही मिला। हमारी सरकार ने कैलेंडर बनाकर राज्य की जनता के विकास का खाका तैयार कर दिया है। यदि थोड़ा वक्त मिल गया होता तो सारी योजनाओं को अमलीजामा पहना देता। हमारी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए एक रोड मैप तैयार किया था जिसके क्रियान्वयन की तैयारी चल रही थी।
जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा के 26 हजार शिक्षकों की बहाली का मार्ग प्रशस्त है। इसके अलावा 15 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा और 21 से 50 वर्ष की सभी महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने की योजना से विपक्ष हिल गया था इसका आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को लाभ मिलता, मगर अचानक से पार्टी आलाकमान ने उन्हें पद से हटा दिया अब वर्तमान सरकार को देखना है कि आगे क्या करना है। उन्होंने वर्तमान सरकार को जनता के मुद्दों पर आधारित योजनाओं पर समीक्षा करते हुए उसे धरातल पर उतारने की नसीहत दी है।
उन्होंने मुख्यमंत्री बनने पर हेमंत सोरेन को शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताया कि सरकार बेहतर विजन के साथ बढ़िया काम करेगी। उन्होंने कहा कि किसी से कोई गिला- शिकवा नहीं है जो मिला उसे ईमानदारी पूर्वक निभाया। संगठन ने जिम्मेदारी दी थी संगठन ने वापस ले लिया आगे कुछ नहीं कहना है। साथ ही सूबे के पूर्व मुखिया चंपाई सोरेन ने कल से होने वाले रथ यात्रा की झारखण्ड के साथ देशवासियों को शुभकामनाएं दिया।