सृजन घोटाले में इडी की बड़ी कार्रवाई, भागलपुर का बड़ा व्यापारी पीके घोष गिरफ्तार
इडी ने पूछताछ के लिए घोष को बुलाया था पटना
पटना : बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ी कार्रवाई की है। इडी की टीम ने भागलपुर के बड़े कारोबारी प्रणव कुमार घोष को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में कार्रवाई की गयी है। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक संतोष कुमार मंडल के नेतृत्व में की गयी है। कारोबारी पीके घोष पर सृजन घोटाले की साजिश में मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाने का आरोप है।

पीके घोष की सृजन महिला सहयोग समिति में लाइजनर की भूमिका रही है। ऑडिटर और प्रशासनिक अफसरों के बीच ये तालमेल करवाते थे और सरकारी खजाने की राशि बैंकों से मिलीभगत करके उसे सृजन के सहकारिता बैंक में ट्रांसफर भी कराने का काम करते थे। ऐसा कर इन्होंने करोड़ों की संपत्ति बनायी है। उन्होंने भागलपुर शहर में कई शॉपिंग काम्प्लेक्स खोलकर अपना लम्बा-चौड़ा व्यापार भी खड़ा कर कर रखा है।
पहले ही जब्त हो चुका है बंगला
इडी ने पीके घोष के पुणे स्थित बंगला को पिछले साल ही जब्त किया था। पीके घोष को तीन दिन पहले इडी ने पूछताछ करने और अरेस्ट नहीं करने की शर्त पर पटना बुलाया था। पटना में अर्जित संपत्ति के वैध स्रोत के बारे में उनसे पूछताछ की गई। घोष ने सृजन से पैसे लेकर पुणे में बंगला खरीदने की बात कही थी लेकिन इडी ने करीब दर्जन भर सबूत घोष के सामने रखकर उनकी बोलती बंद कर दी। इडी ने अपार्टमेंट, बिजनेस और बाजार में संचालित कपड़े के व्यापार में निवेश की भी जानकारी ली थी।
भागलपुर के एक और बड़े कारोबारी की हो सकती है गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि सृजन घोटाला भागलपुर के साथ.साथ सहरसा और बांका में भी उजागर हुआ था। जांच में पाया गया था कि वर्ष 2003-04 और 2007-08 में पीके घोष ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति में प्रोफेशनल टैक्स सलाहकार के रूप में काम किया था। सृजन के कार्यालय में नियमित रूप से जाने और मनोरमा देवी को सहयोग करने की बात भी सामने आयी है। मनोरमा देवी के बेटी के बयान के हवाले से कहा गया है कि वह उनके मुख्य सलाहकार रहे हैं। सृजन घोटाले में हुई लूट के दौरान पीके घोष ने भी जबर्दस्त फायदा लिया है।
