सुशील मोदी ने परिवार मोह पर लालू पर कसा तंज, नेपोटिजम को लेकर उठाए सवाल
पटना: इस वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव होने को हैं और मौजूदा सरकार को चुनौती देने की तैयारी जोरों पर है। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा हो पाएगा इसे लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन 2020 के सीएम उम्मीदवार के लिए नामांकित नाम के लिए जंग जारी है।
सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से महागठबंधन में को ऑर्डिनेशन कमिटी की मांग की जा रही है लेकिन राजद ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। महागठबंधन में राजद नेता तेजस्वी यादव के सीएम उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। हालांकि राजद को इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्यूंकि साफ तौर पर यह कहा गया है कि जिसे आपत्ति है वह महागठबंधन से बाहर हो जाए।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का इस्तीफा, पांच एमएलसी का सामूहिक रूप से अलग होना और प्रदेश उपाध्यक्ष के पार्टी छोड़ने की तैयारी दीवार पर लिखी ऐसी इबारत है, जिसे लालू प्रसाद पढ़ना नहीं चाहते।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) July 6, 2020
महागठबंधन में हुए इस दरार पर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव पर हमला किया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर सीएम उम्मीदवार की लड़ाई को लेकर कहा है कि लालू यादव आज भी अपने परिवार मोह से बंधे हुए हैं।
डिप्टी सीएम ने दो ट्वीट किए हैं और कहा है कि लालू प्रसाद ने सीनियर साथियों को दरकिनार कर कभी सीएम की कुर्सी पत्नी को देकर राज्य को कुशासन को गर्त के मुंह में धकेल दिया था। और आज भी जब सत्ता उनके हाथ से निकल गया तब भी परिवार मोह उनका नहीं गया है।
जिस दल का नेतृत्व पत्नी-पुत्र मोह में डूबा हो, भाई-भाई एकदूसरे को निपटाने में लगे हों और राजनीति का मकसद सिर्फ बेनामी सम्पत्ति बनाना रह गया हो, उस दल में एकजुटता और स्वार्थ से ऊपर उठने की अपील का क्या असर होगा?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) July 6, 2020
दूसरे ट्वीट में सुशील मोदी ने कहा कि जब से उन्होंने नेता विरोधी दल जैसा महत्वपूर्ण और गंभीर पद की जिम्मेवारी पहली बार विधायक बनने वाले पुत्र को सौंपा है तब से पार्टी की एकजुटता बनाए रखना कठिन हो गया है।
सुशील मोदी ने सीधे तौर पर नेपोटिज्म का मुद्दा उठाकर लालू प्रसाद पर प्रहार किया है। लालू यादव के बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी सीएम हुई थी वहीं अब तेजस्वी यादव ने अपने मां पिता के कार्यकाल में हुए गलती के लिए माफी भी मांग चुके हैं। वे इस वर्ष सीएम पद की दावेदारी कर रहे हैं जिससे उनके पार्टी में ही मतभेद देखने को मिला है। अचानक से 5 बड़े नेता ने पार्टी की सदस्यता छोड़ दी और अब महागठबंधन में भी दरार है । इन उलझनों के बीच जानना यह दिलचस्प रहेगा क्या वास्तव में सीएम पद के दावेदार तेजस्वी यादव हो सकेंगे।