महाराष्ट्र में हलचल के बीच अहमदाबाद में शरद पवार ने की अमित शाह से मुलाकात, अब आगे क्या होगा?
नयी दिल्ली : महाराष्ट्र के गृहमंत्री एवं एनसीपी नेता अनिल देशमुख पर कथित रूप से पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रुपये वसूली का टारगेट दिए जाने को लेकर मचे बवाल के बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने अहमदाबाद में केंद्रीय गृहमंत्री एवं भाजपा नेता अमित शाह से मुलाकात की है। अमित शाह की ओर से इस मुलाकात पर पहली प्रतिक्रिया भी आयी है। न्यूज एजेंसी एएनआइ के अनुसार, अमित शाह ने इस मुलाकात पर कहा है कि हर बात को पब्लिक में लाना जरूरी नहीं है। अमित शाह ने यह टिप्पणी मुलाकात को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में की है।
Everything can’t be made public: Union Home Minister Amit Shah on reports of his meeting with NCP leader Sharad Pawar in Ahmedabad pic.twitter.com/NzCqVl3KhQ
— ANI (@ANI) March 28, 2021
शरद पवार जयपुर किसी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे और वहां से वे अहमदाबाद पहुंचे। वहीं, अमित शाह भी देर शाम अहमदाबाद पहुंचे। इसी दौरान इन दोनों नेताओं की गुप्त मुलाकात होने की बात स्थानीय मीडिया रिपोर्टाें में कही गयी है। इस दौरान एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।
उधर, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि सामना के लेख में कहा गया है कि अनिल देखमुश एक्सीडेंटल गृहमंत्री हैं। संपादक को लेख लिखने का अधिकार है। शरद पवार ने उन्हें सोच समझ कर जिम्मेवारी दी है। वे एक्सीडेंटल गृहमंत्री नहीं हैं। अगर गृहमंत्री में कुछ कमियां हैं तो वे दसे दूर करने का काम करेंगे।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में अनिल देशमुख को लेकर की गयी टिप्पणी के मायने तलाशे जा रहे हैं और यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या अनिल देखमुश के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार की अगुवाई कर रही शिवसेना और एनसीपी के बीच मतभेद बढ गया है? मालूम हो कि देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पुलिस अधिकारियों को हर महीने 100 करोड़ रुपये अवैध होटलों एवं बार से वसूलने का टारगेट दिए जाने का आरोप लगाया था।
सामना के लेख में कहा गया है कि अनिल देशमुख ‘एक्सीडेंटल’ गृह मंत्री है। संपादक को लेख लिखने का अधिकार है। शरद पवार ने उन्हें सोच समझकर ज़िम्मेदारी दी है। वे ‘एक्सीडेंटल’ गृह मंत्री नहीं है। अगर गृह मंत्री में कुछ कमियां हैं तो वे उसे दूर करने का काम करेंगे: नवाब मलिक, NCP pic.twitter.com/3rCi4AiK7j
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2021
इस घटना के बाद देशमुख विवाद में हैं और भाजपा भी लगातार हमलावर रही है। इस बीच देशमुख ने खुद रविवार को बताया है कि महाराष्ट्र सरकार ने उन पर लगाए आरोपों की जांच हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की अनुमति दे दी है जिसकी मांग उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की थी।
जो आरोप मुझ पर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने लगाए थे, मैंने उसकी जांच कराने की मांग की थी। मुख्यमंत्री और राज्य शासन ने मुझ पर लगे आरोपों की जांच उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज के द्वारा करने का निर्णय लिया है। जो भी सच है वह सामने आएगा: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख pic.twitter.com/38AGXUhtJ3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2021
महाराष्ट्र की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार के कई नेता भाजपा पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि वह उनकी सरकार को अस्थिर करना चाहती है। बहरहाल, पवार व शाह की मुलाकात को राज्य की राजनीति के लिए अहम माना जा रहा है।
मालूम हो कि पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा एवं शिवसेना ने एक साथ और कांग्रेस व एनसीपी ने एक साथ लड़ा था। चुनाव में बहुमत भाजपा-शिवसेना गठजोड़ को मिला था, लेकिन छोटी पार्टी होने के बावजूद शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग की जिद पर अड़ गयी जिसके लिए भाजपा तैयार नहीं हुई और बाद में उसने विरोधी विचारधारा की पार्टियों एनसीपी व कांग्रेस के साथ सरकार बनायी। हालांकि इससे पहले राजनीतिक अनिश्चितता के बीच भाजपा एवं एनसीपी नेता अजीत पवार ने मिल कर सरकार रातोंरात सरकार बनायी थी, जिसे शरद पवार का समर्थन हासिल नहीं था। एनसीपी में अजीत पवार अलग-थलग पड़ गए और उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देवेंद्र फडणवीस की वह सरकार बहुमत साबित करने से पहले ही गिर गयी थी।
अब एक बार शरद पवार स्वयं वैकल्पिक सरकार पर सहमत होते हैं तो भाजपा व एनसीपी की सरकार राज्य में बन सकती है।