कोरोना महामारी को लेकर झारखंड ने केंद्र से मांगा 81 करोड़ का विशेष कृषि पैकेज

रांची : बुधवार (आठ अप्रैल, 2020) को केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी राज्यों के साथ Covid19 (कोरोना) महामारी को लेकर जारी तालाबंदी (लाॅकडाउन) को लेकर कृषि कार्य की समीक्षा विडियो कॉन्फ्रंसिंग के माध्यम से की.
उक्त समीक्षा बैठक में झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन सहकारिता विभाग के मंत्री बादल के साथ कृषि सचिव, कृषि विभाग के निदेशक एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे.
मंत्री द्वारा बताया गया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूर्णतया तालाबंदी में कृषि संबंधी कार्य में आवश्यक छूट प्रदान की गयी है. उक्त दिशा-निर्देशों से सभी जिलों को अवगत करा दिया गया है.
साथ ही मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है एवं कोविद19 महामारीको देखते हुए यहां विशेष पैकेज की आवश्यकता है. झारखंड में 35 लाख किसान हैं. उन्होंने 10000 रुपया प्रति किसान विशेष पैकेज की माँग की.
झारखंड मिल्क फेडरेशन द्वारा प्रतिदिन १३०००० लीटर दूध संग्रहित किया जाता है परंतु वर्तमान में मात्र 35 हज़ार लीटर दूध की बिक्री हो पा रही है. शेष दूध को गरीबों के बीच वितरित किए जाने की आवश्यकता है, जिसके लिए प्रतिमाह १२ करोड़ मिलक फेडरेशन को दिए जाने की आवश्यकता होगी. इस प्रकार कुल छह माह के लिए 72 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाए.
कोरोना महामारी के क्रम में ४५०० दीदी किचन चलाया जा रहा है, जहाँ दाल चावल उपलब्ध है. जो सब्ज़ियां ग्रामीण क्षेत्र में बर्बाद हो रही हैं उससे किसानों काे क्षति हो रही है. वे सब्ज़ियां दीदी किचन में उपलब्ध कराने हेतु 30000 रुपया प्रति किचन की दर से प्रति माह १३.५० करोड़ की आवश्यकता होगी. इस प्रकार कुल छह महीने के लिए ८१ करोड़ रुपय विशेष पैकेज दिया जाए.
झारखंड में पशु चारा की दिक़्क़त हो रही है. यह ज़्यादातर बिहार व बंगाल से आता है. अतः इस दिशा मे संबंधित राज्यों को आवश्यक निर्देश दिया जाए.
ख़रीफ़ मौसम हेतु बीज निगमों के माध्यम से बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
झारखंड की तरफ़ से यह विशेष पैकेज की माँग भारत सरकार से की गयी है. कृषि मंत्री बादल ने केंद्रीय मंत्री से कहा है कि झारखंड सरकार अपने स्तर से किसानों को हर संभव मदद पहुंचा रही है, लेकिन उन्हें केंद्र सरकार से भी मदद की पूरी आशा है.
