इलाज की बकाया राशि नहीं देने पर 48 घंटो तक शव को कब्जे में रखा अस्पताल प्रबंधन
जमशेदपुर: राज्य में अस्पताल प्रबंधन (Hospital management) और मरीजों की परिजन के बीच टकराहट लगातार हो रही है. ऐसा ही मामला जमशेदपुर से आया है. जहां बिल बकाया होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों का शव 48 घंटे तक कब्जा में रखा. जब इस मामला की जानकारी जेएमएम (JMM) के नेताओं और विधायकों को हुआ, तब जाकर अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों का उसके परिजन को सौंपा.

मिली जानकारी के अनुसार अति नक्सल प्रभावित( Naxalite affected) इलाका डुमरिया नरसिंह बहाल के पिंटू महतो की पत्नी लतिका महतो की मौत इलाज की दौरान टीएमएच अस्पातल (TMH Hospital) हो गई. जिसमें अस्पातल की बकाया राशि करीब 2.5 लाख रुपये हो गए. पिंटू महतो ने इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थता जता दी. तो इसपर टीएमएच अस्पातल मृतक की शव परिजन को नहीं सौंपा. वहीं दूसरी मामला गुलाम पहाड़पुर निवासी बाबूराम मुर्मू की बेटी जानकी मुर्मू की मौत इलाज दौरान हो गई. बकाया राशि (Arrears) करीब 2.5 लाख रुपये नहीं देने पर शव को प्रबंधन ने अपने कब्जे में रखा.
टाटा मुख्य अस्पताल में विधायकों ने किया हंगामा
इसकी जानकारी मिलते ही जेएमएम के चार विधायक बहरागोड़ा के समीर मोहंती, घाटशिला से रामदास सोरेन, पोटका से संजीव सरदार और जुगसलाई से मंगल कालिंदी के अलावा जमशेदपुर की पूर्व सांसद सुमन महतो (Former MP Suman Mahato) एमएस गेट पर पहुंचे. शव रिलीज करने के लिए इन्होंने वहां जमकर हंगामा किया. फिर घाटशिला के जेएमएम विधायक रामदास सोरेन (JMM MLA Ramdas Soren) ने टाटा स्टील के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी से बात की और उसके बाद विधायकों ने टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) के जेनरल मैनेजर व वरीय पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर मामले को सुलझाया.
वार्ता में अस्पताल प्रबंधन ने बाबूराम मुर्मू के करीब ढाई लाख रुपये और लतिका महत्व के 2.25 लाख रुपये का बिल माफ किया. इतना ही नहीं, दोनों शवों को भी रिलीज करने पर सहमति बन गयी. इसके बाद जाकर हंगामा थमा.
