आज से नवरात्र की हो रही शुरुआत, इस मंत्र से करें माता शैलपुत्री को प्रसन्न
माता शैलपुत्री नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं.
नवरात्र-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है. पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा. माता शैलपुत्री ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं.
रांची: शैलपुत्री देवी माँ दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं. माता शैलपुत्री ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं. पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा. नवरात्र-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है.

पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है. जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है या विवाह में परेशानियां आ रही हैं उन्हें शैलपुत्री माता की पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं. माता की पूजा से ग्रह-कलेश दूर व आरोग्य का वरदान भी माता देती हैं. माता शैलपुत्री माता सती का पुनर्जन्म है. माता को सफेद पुष्प, सफेद वस्त्र, और सफेद मिष्ठान पसंद है. मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री के पूजन से संतान वृद्धि और धन व ऐश्वर्य की शीघ्र प्राप्ति होती है. मां सर्व फलदायी हैं.
मंत्र
प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् . कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम् ॥
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:॥
प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, राँची
8210075897
