नेतृत्व करने वाले में चरित्र, समर्पण, आचरण और क्षमता का होना बेहद जरुरी: वेकैया नायडू
रांची: राजधानी में रविवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आईआईएम, रांची के छात्रों को संबोधित किये। आज भारतीय प्रबंध संस्थान, रांची द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी सेंटर फॉर लीडरशिप, पॉलिसी एंड गवर्नेंस के तहत नेतृत्व क्षमता और सुशासन विषय पर उन्होंने संबोधित किया।

इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि विकास कार्यों में जनभागीदारी होना चाहिए। जनता को विश्वास होना चाहिए कि वे देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। जहाँ कानून और संविधान को नहीं माना जाता, वहां अशांति होती है, जो कि विकास का बाधक है। इसलिए विकास के लिए शांति होना जरुरी है। वहीँ युवाओं पर बात करते हुए कहा कि देश के युवा बेहतर विजन, अपने स्वाभिमान के साथ आगे आएं और देश का मान ऊंचा करने में भागीदारी निभाएं। युवा समेत देश के सभी लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी होगी।
इसके बाद झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित करते हुए कहा कि सुशासन बेहतर सरकार की पहचान है। सुशसान से निर्णय लेने की क्षमता, भ्रष्टाचार का खात्मा होता है। नीति ऐसी होनी चाहिए, जिससे आम लोगों का कल्याण हो सके।
इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने वेंकैया नायडू से कुछ सवाल पूछे। इस दौरान जब उनसे परेशानियों का सामना करने पर सवाल किया गया, तब उन्होंने जवाब दिया कि परेशानियों को उन्होंने चुनौती के रूप में स्वीकार किया। 45 साल से जनता की सेवा में जुटा हूं। लोगों से मिलना उनसे बात करना मुझे अच्छा लगता है।
आज के इस कार्यक्रम में आईआईएम के निदेशक प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह उपराष्ट्रपति के आगमन पर स्वागत भाषण दिए. जबकि धन्यवाद ज्ञापन आईआईएम, रांची के गौरव मराठे ने दिया।
इस कार्यक्रम में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, आईआईएम रांची के चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, प्रवीण शंकर पांड्या, आईआईएम रांची के निदेशक प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह, गौरव मराठे, आईआईएम के छात्र व अन्य उपस्थित थे।
