जमीन दिलाने के नाम पर रुपये ठगने वाले लाल संजय नाथ शाहदेव पर आठ फरवरी को आ सकता है फैसला
रांची : राजधानी रांची सहित राज्य के कई जिले के लोगों को जमीन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला लाल संजय नाथ शाहदेव और उसके सहयोगी विजय सिन्हा पर आठ फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत फैसला सुना सकती है. यह उम्मीद की जा रही है कि इस दिन उसके द्वारा 68 लाख रुपये ठगने के मामले में फैसला आ सकता है.

लाल संजय नाथ शाहदेव लोहरदगा के सिकमी का रहने वाला है. उसका नाम उस वक्त सुर्खियों में आया जब रांची से सटे कमड़े के झिरी चौक निवासी मणिशंकर प्रसाद और उनकी पत्नी गीता देवी ने एक साथ जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. मणिशंकर प्रसाद की मौत जहां उन्हें अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गयी, वही उनकी पत्नी गीता देवी ने चार दिन बाद इलाज के दौरान रिम्स में दम तोड़ दिया.
मणिशंकर प्रसाद और गीता देवी ने जहर खाने पहले एक पत्र लिखा था जिसे उनका सूसाइड नोट माना गया. इसमें लिखा था कि कैसे संजय नाथ शाहदेव ने रिंग रोड के जमीन मामले में उनके साथ धोखाधड़ी की. उसने इस दंपती को यह धमकी दी कि मुंह खोला तो उसकी बेटी को वह उठा लेगा.
डाॅक्टर ने दर्ज कराया मामला
रांची श्रद्धानंद रोड के रहने वाले डॉक्टर प्रशांत ने सुखदेव नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई (प्राथमिकी संख्या 191/17) कि लोहरदगा के रहने वाले लाल संजय नाथ शाहदेव ने फर्जी कागजात बनाकर उनके मकान को बेच डाला. यह करीब 80 लाख रुपये की ठगी का मामला था.
आदिवासी जमीन को अपने नाम करवा लिया
लाल संजय नाथ शाहदेव के खिलाफ़ सबसे सनसनीखेज मामला तत्कालीन एसडीओ भोर सिंह यादव ने पकड़ा. हेहल में आदिवासी गनी उरांव की करीब पांच एकड़ जमीन को बिना उनकी जानकारी के पहले गैर मजरुआ दिखाया गया और फिर उस गैर मजरुआ जमीन को गैर.आदिवासी लाल संजय नाथ शाहदेव के नाम रजिस्ट्री कर दिया गया. जमीन का म्यूटेशन भी लाल संजय नाथ शाहदेव के नाम हो गया.
जब तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त डॉ प्रदीप कुमार ने हेहल अंचल का निरीक्षण किया तो यह मामला सामने आया. इस दौरान उन्होंने जमीन के म्यूटेशन से संबंधित कई गड़बड़ियां पकड़ीं. इसके बाद उन्होंने सीओ अनिल कुमार सिंह को हटाते हुए उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया. साथ ही सरकार से उन्हें निलंबित करने और विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की. इस मामले में तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर राजेश्वर सिंह और राजस्व कर्मचारी सरफराज अहमद को भी निलंबित कर उनके खिलाफ एसटी-एससी एट्रोसाइटिस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश सदर एसडीओ भोर सिंह यादव को दिया है.
आयुक्त ने कहा कि सीओ ने 15 आदिवासियों की जमीन का म्यूटेशन गैर आदिवासियों के नाम कर दिया है. रिकार्ड मांगे जाने पर सीओ ने लिंक फेल होने का बहाना बना दिया.
इसके अलावा हेसल मौजा के खाता संख्या 01 प्लाट संख्या 797 के तहत कुल 1.38 एकड़ गैरमजरूआ जमीन को लाल संजय नाथ शाहदेव के साथ जमाबंदी कायम कर लगान रसीद भी निर्गत कर दी गयी है.
और भी हैं इसके किस्से
लाल संजय नाथ शाहदेव के कई किस्से चर्चित हैं. उस पर धुर्वा के रहने वाले 64 साल के बुजुर्ग विजय सिंह ने मामला दर्ज कराया था जिसमें कहा कि उनसे 60 लाख 60 हजार रुपये की जमीन दिलाने के नाम पर ठगी की गयी. पुलिस जांच में यह बात भी सामने आयी कि उसने गिरिडीह के रिटायर इंजीनियर विजय शर्मा से सात लाख 67 हजार रुपये, सिमडेगा में पदस्थापित जितेंद्र प्रसाद और उनकी पत्नी कंचन देवी से छह लाख रुपये और एसबीआइ के रिटायर कर्मी भगीरथ प्रसाद से करीब 13 लाख रुपय ठगे हैं. वह रिटायर बुजुर्गाें को प्रमुखता से निशाना बनाता है जिनके पास रिटायरमेंट की मोटी रकम होती है.
मोटी जानकारी के अनुसार, उसने अबतक करीब सात से आठ करोड़ रुपये की ठगी की है. वह अलग- अलग लोगों के साथ मिल कर ठगी करता है और जमानत पर जेल से बाहर भी आ जाता है.
