झारखंड राज्यसभा चुनाव : कल तक आसान दिख रही भाजपा की जीत आज हो गयी मुश्किल

झारखंड राज्यसभा चुनाव : कल तक आसान दिख रही भाजपा की जीत आज हो गयी मुश्किल

राज्यसभा चुनाव में प्रत्यक्ष तौर पर अपने अतिरिक्त सीट के लिए कम विधायक होने के बावजूद सत्ताधारी खेमा दूसरी प्राथमिकता के वोटों का लाभ हासिल कर चुनाव में अंतिम वक्त में उलट-फेर कर सकता है

रांची : झारखंड के राज्यसभा चुनाव में सरयू राय के समर्थन के एलान के बाद भाजपा को बड़ी बढत हासिल होती दिख रही थी. लेकिन, आज भाजपा के लिए नए सिरे से कुछ चुनौतियां पैदा हो गयी हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज दिन में खुद आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो से मुलाकात की और उनकी पार्टी के दो विधायकों का समर्थन सत्ताधारी खेमे के लिए मांगा. वहीं, सरयू राय ने आज कहा कि वे पहली प्राथमिकता का वोट भाजपा के प्रत्याशी दीपक प्रकाश को देंगे, जबकि दूसरी प्राथमिकता का वोट झामुमो अध्यक्ष व उम्मीदवार शिबू सोरेन को देंगे.

81 सदस्यीय विधानसभा में इस वक्त 79 विधायक हैं और मोटे तौर पर एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 27 विधायकों का समर्थन चाहिए. लेकिन, राज्यसभा चुनाव में दूसरी प्राथमिकता के वोटों से जीत-हार का खेल बदलता रहा है. हाल में ऐसे दो उदाहरणों का जिक्र करना जरूरी होगा. एक तो झारखंड में ही भाजपा के उम्मीदवार महेश पोद्दार अपने प्रतिद्वंद्वी से कम वोट हासिल कर भी भाजपा के पहले प्रत्याशी मुख्तार अब्बास नकवी के अतिरिक्त वोटों के लाभ से जीत गए थे. वहीं, दूसरा उदाहरण उत्तरप्रदेश के राज्यसभा चुनाव का है, जिसमें रघुवराज प्रतात सिंह उर्फ राजा भैया के वोट के कारण बसपा का उम्मीदवार हार गया था.


उस चुनाव में राजा भैया व अखिलेश की मुलाकात भी हुई थी और उन्होंने समर्थन का वादा किया था, लेकिन बाद में जब बसपा के उम्मीदवार की हार हुई तो उन्होंने कहा कि वे अखिलेश यादव को सहयोग का वादा किया था, बसपा को नहीं. राजा भैया व मायावती का वैर किसी से छुपा नहीं है. उस चुनाव में सपा की उम्मीदवार जया बच्चन जीतीं थी और भाजपा से एक कारोबारी उम्मीदवार जीते थे.

ऐसे में सुदेश महतो के पार्टी के पास भले ही दो विधायक हों लेकिन उनका रुख काफी मायने रखेगा. पूर्व में उन्होंने भाजपा को समर्थन का एलान किया था, लेकिन अब इस मुलाकात के बाद उनके स्टैंड पर नजर होगी. अगर सुदेश महतो की पार्टी के दो विधायकों को छोड़ भी दिया जाए तो भाजपा को अभी 28 विधायकों का समर्थन हासिल होता दिख रहा हैं, मरांडी सहित 26 उसके अपने और एक सरयू राय व एक अमित यादव. कोर्ट-कचहरी के चक्कर में पड़े भाजपा के दबंग विधायक दुल्लू महतो के वोटिंग को लेकर संशय है और उन्हें छोड़ भी दिया जाता है तो भाजपा के पास 27 विधायकों का वोट बचता है.


वहीं, कांग्रेस के पास खुद के व अन्य का समर्थन जोड़ कर 21 से 22 विधायकों का समर्थन हासिल है. सुदेश महतो का नया स्टैंड क्या होगा यह देखना होगा. कांग्रेस उम्मीदवार को शिबू सोरेन को मिलने वाले दूसरी प्राथमिकता के वोटों के जुड़ने से ही लाभ हासिल हो सकता है.

सत्ताधारी खेमे के पास 49 विधायकों का समर्थन हैं, ऐसे में उसके दूसरे उम्मीदवार को दूसरी प्राथमिकता के वोटों का अधिक लाभ मिल सकता है. ऐसे में कल तक भाजपा के लिए आसान दिख रहा झारखंड का राज्यसभा चुनाव आज एक बार फिर रोचक मोड़ पर पहुंच गया है.

Edited By: Samridh Jharkhand

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