बाबूलाल का हेमंत को एक और खत…हो सकता है यह अच्छा न लगता हो, पर आदित्यपुर के मामले में करें हस्तक्षेप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अर्जुन मुंडा, रघुवर दास व सरयू राय के द्वारा उठाये गए मुद्दों का ध्यान दिलाया

आप अवगत हैं कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र जो एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में शुमार है, वहां लगभग 1500 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग लाॅकडाउन की वजह से बंद पड़े हैं. लाॅकडाउन के बीच चंद कंपनियों को खोलने की इजाजत तो मिली है, परंतु शहरी क्षेत्र का हवाला देकर राज्य सरकार द्वारा टाटा मोटर्स को बंद रखा गया है. इस क्षेत्र में अवस्थित कंपनियों में से 900 से अधिक वैसी कंपनियां हैं जिसकी निर्भरता टाटा मोटर्स पर है. ऐसे में खोले गए उन इकाइयों के द्वारा उत्पादन शुरू करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है. कहने का आशय है कि टाटा मोटर्स के बंद रहने से इस पर निर्भर रहने वाली कंपनियों और मजदूरों की हालत दयनीय है.
बताया जाता है कि कई इकाइयों में माल बनकर तैयार है. लाॅकडाउन की वजह से डिस्पैच नहीं होने से कंपनी मालिकों का खस्ताहाल है. कंपनियों के बंद होने से इसमें कार्यरत संगठित और अस्थाई ठेका मजदूरों की स्थिति काफी दयनीय है. हजारों परिवारों के समक्ष भुखमरी की नौबत आ गयी है.
जैसी जानकारी मिल रही है कि अन्य कई राज्यों में टाटा मोटर्स की इकाइयां खुल रही हैं. उत्तराखंड के पंतनगर और गुजरात के साणंद प्लांट में कामकाज शुरू हो चुका है. कई और स्थानों पर भी आज-कल में कामकाज प्रारंभ होने की सूचना है.
इस संदर्भ में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक सरयू राय, उद्यमी संगठनों ने भी अपने-अपने तरीके से आपका ध्यान आकृष्ट कराने का प्रयास किया है. बावजूद पता नहीं क्यों आपने इस गंभीर विषय पर अब तक संज्ञान नहीं लिया है. मैं चर्चाओं के विस्तार में जाना नहीं चाहता. फिलहाल इन इकाइयों का राज्य और मजदूर हित में चालू होना अति आवश्यक है. जैसी जानकारी प्राप्त हो रही है कि कंपनी प्रबंधन भी तमाम मानकों की तैयारी के साथ राज्य सरकार के आदेश के इंतजार में खड़ी है.
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि इस पर प्राथमिकता के तौर पर तत्काल व आज ही संज्ञान लेने की जरूरत है. यह राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाखों लोगों की रोजी-रोटी का भी मसला है. राज्य सरकार को आवश्यक गाइडलाइन जारी कर व सुरक्षा मानक तय करते हुए यहां कामकाज तत्काल प्रारंभ करने की जरूरत है. यह राज्यहित के साथ हजारों मजदूरों के भी हित में होगा.
