UP politics
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Opinion: योगी की तारीफ से क्यों बढ़ी अखिलेश की बेचैनी

Opinion: योगी की तारीफ से क्यों बढ़ी अखिलेश की बेचैनी बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए सपा और अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला, जिससे यूपी की सियासत में नई हलचल मच गई है। उन्होंने घोषणा की कि बीएसपी 2027 का चुनाव अकेले लड़ेगी और गठबंधन से दूर रहेगी। मायावती की रणनीति सपा के ‘पीडीए फार्मूले’ को कमजोर कर दलित, बहुजन और गैर-जाटव वोटरों को फिर से अपने पक्ष में एकजुट करने की है। भाजपा के प्रति नरम रुख अपनाकर वे दलित वोट बैंक में सेंध रोकना चाहती हैं। यह कदम उनके 2007 जैसे व्यापक सामाजिक समीकरण को दोबारा जीवित करने की कोशिश है।
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Opinion: ‘आई लव’ को लेकर मुस्लिम धर्मगुरूओं में मतभेद  

Opinion: ‘आई लव’ को लेकर मुस्लिम धर्मगुरूओं में मतभेद   उत्तर प्रदेश में ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘आई लव महादेव/महाकाल’ पोस्टरों के कारण मुस्लिम और हिंदू समुदायों में मतभेद और राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है। धर्मगुरुओं में समर्थन और विरोध के दो धड़े हैं। यह अभियान अब केवल धार्मिक प्रेम का प्रतीक नहीं, बल्कि चुनावी रणनीति, पहचान और साम्प्रदायिक तनाव का शक्तिशाली उपकरण बन चुका है।
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Opinion: आजम नहीं छोड़ेगें समाजवादी पार्टीः शिवपाल

Opinion: आजम नहीं छोड़ेगें समाजवादी पार्टीः शिवपाल समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रिहाई ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने स्पष्ट किया कि आजम खान पार्टी छोड़ेंगे नहीं। रामपुर और पश्चिमी यूपी में मुस्लिम वोट बैंक पर उनकी पकड़ मजबूत है, और उनकी रिहाई आने वाले चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव की खामोशी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
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Opinion: यूपी में कांग्रेस बयान बहादुरों नहीं, रण बांकुरों को आगे करें

Opinion: यूपी में कांग्रेस बयान बहादुरों नहीं, रण बांकुरों को आगे करें यूपी की सियासत में कांग्रेस के पतन की कहानी दो दशक पूर्व 2014 से शुरू हुई थी, जब लोकसभा चुनाव में मोदी लहर ने कांग्रेस को हाशिए पर धकेल दिया था. इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी सिर्फ़ दो सीटों पर सिमट गई, और विधान परिषद में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं बचा
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