आदिवासी वोट बैंक से जेएमएम ने साधा अपना स्वार्थ- सालखन मुर्मू
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रांची: सरना धर्म कोड (Sarna Dharma Code) की मांग को लेकर विभिन्न आदिवासियों संगठनों (Tribal organizations) ने अपनी आवाज बुलंद की है. इसी की तहत आदिवासी सेंगेल अभियान धर्म कोड के लिए करो या मरो तर्ज पर आंदोलन करेगा.

उन्होंने कहा कि चुनाव के समय सरना धर्म कोड की बात सभी पाटियां करती हैं और चुनाव खत्म होने के बाद इसे दरकिनार कर दिया जाता है. देश में लगभग 15 करोड़ आदिवासी रहते हैं, जिनको अनुच्छेद 342 के तहत एसटी का दर्जा प्राप्त हुआ है. लेकिन अनुच्छेद 25 के तहत उनकी विशिष्ट प्रकृति पूजा सरना धर्म को मान्यता नहीं मिली है. यह हमारे संवैधानिक और मानवीय अधिकारों (Constitutional and Human Rights) का हनन है. केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए सीधे तौर पर दोषी हैं.
- भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ झारखंड, ओड़िसा, बंगाल, असम और बिहार के सीएम को पत्र लिखेगा.
- झारखंड, बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम के आदिवासी बहुल जिलों में 5 नवंबर और 20 नवंबर को जन जागरण रैली, पुतला दहन करेगा.
- 6 दिसंबर को रेल-रोड चक्का जाम के लिए बाध्य होगा.
- 20 अक्टूबर 2020 को आहूत आदिवासियों के धर्म कोड आंदोलन कार्यक्रम का समर्थन करती है.
Edited By: Samridh Jharkhand