अनुबंध कर्मियों ने हेमंत सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी, समान काम का समान वेतन सिद्धांत लागू करने की मांग
समय पर मानदेय नहीं मिलने से भी अनुबंध कर्मियों में है गुस्सा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को याद दिलाया चुनावी वादा

दुमका : जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे स्वास्थ्य विभाग में 17 वर्षो से कार्यरत अनुबंध कर्मियों की समान काम, समान वेतन और स्थायीकरण सहित अन्य मांंगे तेज हो रही हैं। आज दुमका प्रखंड परिसर में अनुबंध एएनएम कर्मियों ने बैठक की और वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार से मांग की कि अनुबंध कर्मियों को समान काम का समान वेतन दिया जाये और उनका स्थायीकरण किया जाये।


अनुबंध कर्मियों ने सरकार के प्रति रोष और नाराजगी व्यक्त किया है कि चुनाव के पूर्व हेमंत सोरेन ने झारखण्ड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ के संविदा संवाद में वादा किया था कि अपनी सरकार आने पर समान काम का समान वेतन देंगे और स्थायीकरण भी करेंगे, लेकिन सरकार के पांच वर्ष गुजरने वाले हैं लेकिन न समान काम का समाना वेतन मिला और न ही स्थायीकरण हुआ।
अनुबंध एएनएम कर्मियों का यह भी कहना है कि हम सभी अल्प मानदेय कर्मी हैं और वेतन भी सही समय पर नहीं मिलाता है। घर में बड़े-बुजुर्ग, बच्चे बीमार पड़ जाते हैं तो इलाज कराना कठिन हो जाता है। घर-.परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए अनुबंध कर्मियों को सरकार स्वास्थ्य बीमा योजन से भी जोड़े। विगत दो महीने से पूरे दुमका जिले के अनुबंध कर्मियों को मानदेय नहीं दिये पर रोष प्रकट किया गया।
अनुबंध कर्मियों ने यह निर्णय लिया है कि अगर सरकार जल्द मानदेय नहीं देती है और समान काम का समान वेतन और स्थायीकरण नहीं करती है तो जल्द ही सड़क पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा। इस मौके में युनिकी मुर्मू, रेशमा टुडू, स्नेहलता बास्की, नवजिता सोरेन, रानी कुमारी, अनु सुभासिनी मरांडी, सबिना हांसदा, रोजलिन हांसदा, राहेल टुडू, हेमंती हांसदा, ओलिव वाणी सोरेन, कुमारी शिक्षा, प्रेमलता टुडू, निरोजनी मुर्मू आदि उपस्थित थीं।