रांची के अखबारों की सुर्खियां, अयोध्या छाया, अब एप बताएगा डाॅक्टर साहेब रिम्स में हैं या नहीं


प्रभात खबर ने पहले पन्ने पर बैनर छापा है – अयोध्या राम की. अखबार ने लिखा है अयोध्या में ही मिलेगी मसजिद के लिए पांच एकड़ जमीन. अखबार ने अंदर अयोध्या पर फैसला विशेष पेज का आयोजन किया है, जिसमें लिखा है कि इस फैसले से जस्टिस गोगई का नाम इतिहास में दर्ज हो गया. अखबार ने वह स्टोरी भी लिखी है कि किन पांच निष्कर्षांें पर अदालत का फैसला केंद्रित था. प्रभात खबर की एक तसवीर ध्यान खींचती है, जिसमें अयोध्या पर फैसले के बाद मुसलिम, हिंदू व सिख धर्म के तीन व्यक्ति आपस में एकजुटता एवं खुशी प्रकट करते दिखते हैं. अखबार ने करतारपुर काॅरिडोर की खबर मनमोहन सिंह व नरेंद्र मोदी के तसवीर के साथ दी है और लिखा है कि 500 भारतीय पहुंचे पाक.
प्रभात खबर ने झारखंड विधानसभा चुनाव की खबर को भी प्रमुखता देते हुए लिखा है – भाजपा एवं कांग्रेस की सूची तैयार, घोषणा बाकी. भाजपा एवं आजसू में नहीं बनी बात. वहीं, कांग्रेस मे पहले चरण के लिए रामेश्वर उरांव सहित छह नामों पर चर्चा होने की खबर अखबार ने दी है. अखबार ने अंदर खबर दी है – निर्मल हृदय संस्था और अस्पताल कर्मी के सहयोग से बेचा गया एक और बच्चा.
प्रभात खबर ने खबर दी है कि अब एप बताएगा डाॅक्टर साहब रिम्स में हैं या बाहर. अखबार ने लिखा है डाॅक्टरों की उपस्थिति पर सख्त हुआ प्रबंधन.
हिंदुस्तान ने अयोध्या पर फैसले को हेडिंग दी है – राम मंदिर का रास्ता साफ. अखबार ने लखनउ से खबर दी है कि सीएम योगी ने खुद कंट्रोल रूप से कमान संभाल रखी थी, वहीं दिल्ली से खबर दी है कि सभी दलों ने इस अहम फैसले पर संतुलित प्रतिक्रिया दी है. अखबार ने अयोध्या से खबर दी है – संयम की मर्यादा निभाने की मिसाल बनी राम की नगरी.
अखबार ने अंदर के पन्ने पर लिखा है – 161 साल का विवाद और फैसले के 45 मिनट. अखबार ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के उस बयान को छापा है कि फैसले से मजबूत होगा भाईचारा. झारखंड चुनाव की खबर को भी अखबार ने दिया है. लिखा है – मोदी के साथ बैठक में भाजपा प्रत्याशियों के नाम तय.
हिंदुस्तान ने अयोध्या फैसले पर रांची में शाति व अमन की खबर दी है. लिखा है – शाबास, रांची ने रची भाईचारे की मिसाल.
दैनिक भास्कर ने अयोध्या पर फैसले की खबर को शीर्षक दिया है – रामलला ही विराजमान. अखबार ने अब आगे क्या होगा इस बारे में लिखा है कि 2000 कारीगर लगें तो ढाई साल में मंदिर निर्माण हो जाएगा.
अखबार ने बाॅटम स्टोरी के रूप में अयोध्या के विवादित ढांचे पर केके मोहम्मद का आलेख छापा है. केके मोहम्मद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय निदेशक रहे हैं और उन्होंने ही सबसे पहले दावा किया था कि विवादित ढांचे के नीचे मंदिर का दावा किया था. मोहम्मद ने अपने लेखा में लिखा है कि विवादित ढांचे में मंदिर के 14 स्तंभ थे, खुदाई में मिले 163 अवशेषों ने अयोध्या में मंदिर की पुष्टि की.
दैनिक जागरण ने अयोध्या फैसले को शीर्षक दिया है – श्री राम. अयोध्या ने फैसले के साथ ही प्रस्तावित राम मंदिर की तसवीर भी पहले पन्ने पर छापी है. अखबार के अनुसार, 40 दिन चली सुनवाई और 38 मिनट में सुनाया फैसला.
अखबार ने अंदर के पन्ने पर लिखा है 2022 तक बन जाएगा भव्य राम मंदिर. अंदर इस विवाद का इतिहास अखबार ने लिखा है: अतीत गाथा – अयोध्या में विवाद की पांच सदियां. अयोध्या मामले में रामलला के वकील के परासरन पर अखबार ने स्टोरी दी है कि उनकी दलीलों ने रखी फैसले की नींव. 92 साल के परासरन ने मंदिर के पक्ष में मजबूत तर्क दिये. वहीं, झारखंड चुनाव पर भाजपा-आजसू में बात नहीं बनने व तल्ख रिश्ते की भी खबर अखबार ने दी है. वाल्मिकी रामायाण और स्कंद पुराण पर आधारित है हिंदुओं की आस्था: सुप्रीम कोर्ट. इस अखबार को भी अखबार ने दिया है.