विधानसभा का विशेष सत्र शुरु, आदिवासी/सरना धर्मकोड पर लाया जायेगा प्रस्ताव
रांचीः आदिवासी/सरना धर्म कोड (Adivasi / Sarna Dharmcode) पर कैबिनेट ने पहले ही मुहर लगा दी है. अब इस प्रस्ताव को विधानसभा का विशेष सत्र में अंतिम मुहर लगाने के लिए राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र (Special session of assembly) 11 नवंबर यानी बुधवार को बुलाया गया है. जहां पर सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी अपनी राय रखेंगे. मिली जानकारी के अनुसार सदन की कार्यवाही शुरु हो गई है. झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींन्द्रनाथ महतो से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुलाकात की.
आज विधानसभा स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से मिलना हुआ।
@HemantSorenJMM pic.twitter.com/3YcxtffxCe
— Rabindranath Mahato (@Rabindranathji) November 11, 2020
कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य
विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने ट्वीट कर कहा कि “इस संक्रमण काल के बीच प्रारंभ हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र से पूर्व मेरा सभी दलों के नेताओं व माननीय सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग का आग्रह है. ताकि हम लोकतांत्रिक परम्पराओं को और अधिक सशक्त बना सकें.” कोरोना महामारी को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker Rabindranath Mahato) ने गाइडलाइन जारी किया है. सदन की कार्यवाही में भाग लेने वाले विधायकों, अधिकारियों और कर्मियों को 24 घंटा पहले कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य होगा. सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के तहत विधायकों को बैठने की व्यवस्था की गई है. आपको बता दें कि राज्य में सरना धर्मकोड की मांग लंबे अरसे से आदिवासियों द्वारा की जा रही है. पक्ष और विपक्ष दोनों ही घोषणा पत्र में सरना धर्म कोड लागू करने की बात करते आ रहे हैं.
इस संक्रमण काल के बीच प्रारंभ हो रहे विधानसभा के विशेष सत्र से पूर्व मेरा सभी दलों के नेताओं व माननीय सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग का आग्रह है.
ताकि हम लोकतांत्रिक परम्पराओं को और अधिक सशक्त बना सकें। #Visheshsatra pic.twitter.com/mkyGplbvAW
— Rabindranath Mahato (@Rabindranathji) November 11, 2020
धर्मातरित आदिवासियों की हो सकती है मुद्दा सदन में
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा का विशेष सत्र में हेमंत सरकार को घेरने के लिए बीजेपी ने रणनीति बना ली है. बीजेपी सरना धर्मकोड की समर्थन सदन के बाहर और अंदर करेगी. लेकिन राज्य सरकार को धर्मातरित की मुद्दा को लेकर बीजेपी सदन में घेरते हुए नजर आ सकती है. जो आदिवासी समुदाय ईसाई धर्म (Community Christianity) को स्वीकार कर लेते हैं. वह सरना धर्म को नहीं मानते.
उनके बारे में भी प्रस्तावित सरना कोड की जगह आदिवासी कोड की मांग पर धर्मातरित आदिवासियों (Religious tribes) को इससे अलग रखने पर जोड़ दे सकती है. हालांकि बीजेपी की ओर से अधिकारिक रूप से इस बारे में अभी तो कुछ नहीं कहा गया है. धर्मातरित के मुद्दों को लेकर बीजेपी पहले से ही आक्रामक रही है.मंगलवार बीजेपी के पार्टी ऑफिस में बैठक आयोजित किया गया जिसमें राज्य के सभी शीर्ष नेता मौजूद रहे.
पूरी तैयारी के साथ विधायक रहे मौजूद
झारखण्ड विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर जेएमएम के विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास में हुई. जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने की. बैठक में सरना धर्म कोड के प्रस्ताव को पारित करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने रणनीति बनाई. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पारित कराने के ऐतिहासिक घटनाक्रम के दौरान पूरी तैयारी से विधानसभा सत्र में विधायक मौजूद रहे.