राजस्थान : अशोक गहलौत को दोहरी राहत, गवर्नर ने विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दी, भाजपा की याचिका खारिज
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है, जिसकी मुख्यमंत्री अशोक गहलौत लगातार मांग कर रहे थे. राजभवन ने कहा है कि विधानसभा सत्र नहीं बुलाने का कभी इरादा नहीं था. इस संबंध में राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था का पालन करने को कहा गया है. साथ ही यह कहा गया है कि बहुमत परीक्षण हां या ना में होगा और उसकी वीडियो ग्रामीण अनिवार्य रूप से कराने की व्यवस्था करनी होगी.
Rajasthan Governor Kalraj Mishra orders State Government to call for an Assembly Session. Not convening the Assembly was never the intention: Raj Bhawan, Rajasthan pic.twitter.com/mKt2qdmuSp
— ANI (@ANI) July 27, 2020
Rajasthan Governor asks State Government to deliberate on three aspects- 21-day notice period before convening session, maintaining social distancing norms and certain conditions to be followed, in case confidence motion is moved. pic.twitter.com/oUQ0648wTd
— ANI (@ANI) July 27, 2020
जयपुर : राजस्थान में अशोक गहलौत सरकार के खिलाफ सचिन पायलट गुट की बगावत के कारण अस्तित्व रक्षा का संकट उत्पन्न हो गया इै. इस बीच जयपुर हाइकोर्ट से आज मुख्यमंत्री अशोक गहलौत के लिए एक राहत भरी खबर आयी. राजस्थान हाइकोर्ट ने सोमवार को भाजपा की उस याचिका को खारिज कर जिसमें बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय करने पर आपत्ति जतायी गयी थी.
मालूम हो कि पिछले साल सितंबर में बसपा के चुनाव चिह्न पर जीते छह विधायकों ने कांग्रेस में विलय कर लिया था और इस संबंध में स्पीकर सीपी जोशी को पत्र लिखा था जिसे जोशी ने स्वीकृति दे दी थी. यानी वे विधायक मौजूदा स्थिति में कांग्रेस के विधायक गिने जाते हैं और वे कांग्रेस के गहलौत गुट के विधायकों के साथ ही टूट-फूट से बचाने के लिए सुरक्षित रखे गए हैं.
Rajasthan High Court dismisses the petition filed by BJP against the merger of six BSP MLAs in the state with Congress party. pic.twitter.com/9mxdja03TJ
— ANI (@ANI) July 27, 2020
पर, रविवार की रात बसपा महासचिव ने नए सिरे से उन विधायकों पर अपनी पार्टी का दावा जताया. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने उन्हें व्हिप जारी किया है कि वे विधानसभा में मतदान होने पर कांग्रेस के खिलाफ वोट दें. उन्होंने कहा कि गहलौत ने गलत तरीके से हमारे छह विधायकों को अपने साथ किया और और पिछली सरकार में भी उन्होंने हमारे आठ विधायकों के साथ ऐसा किया था. उन्होंने कहा था कि अगर बसपा के सिंबल पर चुनाव जीतने वाले विधायक पार्टी की बात नहीं मानेंगे तो उनकी सदस्य रद्द किए जाने के संबंध में कार्रवाई की जाएगी.
राजस्थान में राजनीतिक उठापटक के बीच BSP महासचिव SC मिश्रा का बड़ा बयान
कांग्रेस का धोखा देने की प्रवृत्ति है, अभी से नहीं शुरू से ही
इन्होंने डा. भीमराव अंबेडकर को चुनाव में हराने का काम किया
इन्होंने (कांग्रेस) हमारे जो MLAS राजस्थान में हैं उनको बंदी बना रखा है,इसलिए नोटिस दी https://t.co/J9QPB6QKk4 pic.twitter.com/L2muGLjUib— Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) July 26, 2020
वहीं, कांग्रेस नेता उदित राज ने आज ट्वीट कर कहा कि बसपा ने अपने लोगों को नहीं दूसरों को टिकट दिया था, वे जिनके थे उनके पास चले गए. उदित राज ने यह भी कहा कि बसपा सीबीआइ, इडी और आयकर विभाग से डर कर ऐसा कर रही है.
बीएसपी को व्हिप जारी करने का अधिकार है ही नही।जब सारे 6 MLA कांग्रेस में शामिल हो गए तो दल बदल क़ानून लागू होता ही नही। व्हिप तब जारी होता है जब विधान सभा का सत्र हो।मामले को लटका कर रखा जा रहा है ताकि भाजपा MLA को ख़रीद सके।मायावती जी B टीम का काम कर रही हैं।@INCIndia
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) July 27, 2020
मायावती जी कुछ तो शर्म करो कि बाबा साहेब अम्बेडकर के संविधान की हत्या करने वालों के साथ तो न खड़ी हो।चुनी सरकार को सत्र बुलाने का अधिकार है । राज्यपाल को रोकने का मतलब संविधान की हत्या।@INCIndia
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) July 27, 2020
वहीं, बसपा के सिबंल पर जीते विधायक लखन सिंह ने आज कहा है कि हमंे मीडिया से पता चला है कि उन्होंने कोई नोटिस जारी किया है, पर हमें कोई नोटिस नहीं मिला है. हम कांग्रेस के साथ हैं, चाहे कोई भी परिस्थिति आए.
उन्होंने कहा कि हम पहले ही छह के छह विधायक कांग्रेस में विलय कर चुके हैं. नौ महीने के बाद अब बीएसपी को याद आयी है कि ये बीएसी नहीं भाजपा के कहने के कहने से मैनेज का हथकंडा है. उसी आधार पर व्हिप किया गया है. उसी आधार पर ये कोर्ट जा रहे हैं.
हमें मीडिया से पता चला है कि उन्होंने (BSP) कोई नोटिस भी दिया है पर हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। हम कांग्रेस के साथ हैं चाहे कोई भी परिस्थिति आए: लखन सिंह BSP विधायक, राजस्थान https://t.co/2sSzqQpAds
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 27, 2020
वहीं, राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि राज्यपाल से उन्होंने बहुमत साबित करने के लिए सत्र बुलाने की मांग की है.