#MannKiBaat कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे है मन की बात, जानिए अहम बातें

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हमेशा कई बार लेकर इस कार्यक्रम में आता हूं, लेकिन इस वक्त सिर्फ कोरोना महामारी की चर्चा व चिंता है. मैं इस पर ही बात करूंगा. मैं लोगों क्षमा मांगता हूं कि लाॅकडाउन से दिक्कत हो रही है. हो सकता है कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर देंगे, मजदूर भाई मुझसे नाराज होंगे कि ऐसा कैसे कोई प्रधानमंत्री कर सकता है, लेकिन इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं था. यह जीवन और मौत की लड़ाई है.
किसी का मन ऐसे कदम का नहीं था, लेकिन दुनिया के हालात को देखते हुए लगता है कि यही एक रास्ता था.
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में कुछ लोगों को खुशफहमी थी कोरोना वायरस को लेकर जो दूर हो गयी है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से कई योद्धा हैं जो फ्रंटलाइन पर काम कर रहे हैं, जो मेडिकल कर्मी हैं, डाॅक्टर हैं, नर्स हैं. उनसे बात कर मैंने उनका उत्साह बढाया है और उनसे सीखा है और मेरा उत्साह बढा है. ऐसे कुछ लोगों से बात मैं सुनाता हूं.
प्रधानमंत्री ने आइटी सेक्टर के एक शख्स रामगम्पा तेजा से बात की जो कोरोना पीड़ित थे और अब ठीक हो गए. वे काम के सिलसिले में दुबई गए थे और कोरोना से पीड़ित हो गए थे. उस व्यक्ति ने बताया कि डाॅक्टर व नर्स ने उनका भरोसा बढाया, वे बात करते थे. उन्होंने कहा कि परिवार के लोग चिंतित थे. उन्होंने बताया कि डाॅक्टर ने कोरेंटाइन रहने को कहा था और 14 दिन अपने कमरे में ही रहने को कहा था.
प्रधानमंत्री ने आगरा के एक परिवार से बात की जो कोरोना से पीड़ित हो गया था. परिवार के मुखिया अशोक कपूर नामक शख्स ने बताया कि उनके दो बेटे इटली फेयर में गए थे और उनके दामाद भी साथ गए थे. दामाद दिल्ली में रहते हैं और वे लौटे तो राम मनोहन लोहिया अस्पताल में जांच करायी तो उन्हें कोरोना मिला फिर मेरे दोनों बेटों व हमारे परिवार को जांच कराने को कहा गया, हमारे यहां छह लोग कोरोना संक्रमित मिले. फिर हमें आगरा के डाॅक्टरों ने सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली भेज दिया और छह अलग-अलग रूप में रख कर डाॅक्टरों ने इलाज शुरू किया और उनका व्यवहार बहुत अच्छा था. अब यह पूरा परिवार ठीक हो चुका है. उन्होंने कहा कि जब हम भर्ती थे तो एक दूसरे से मिलते नहीं थे, फोन पर बात कर लेते थे.
प्रधानमंत्री ने कोरोना का इलाज कर रहे एक डाॅक्टर से बात की., जिन्होंने अपना अनुभव बताया. डाॅक्टर ने बताया कि कोरोना के 16 मरीजों को वे ठीक भेज चुके हैं. उन्होंने कहा कि आरंभ में लोग डर जाते हैं, लेकिन दो-तीन दिन में लोग समझने लगते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं यह भी जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, नियम नहीं तोड़ना चाहता लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि अब भी वो स्थिति की गंभीरता नहीं समझ रहे हैं. ऐसे लोगों को यही कहूंगा कि लाॅकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो कोरोना वायरस से बचना मुश्किल हो जाएगा.
