73 की उम्र में जाकिर हुसैन का निधन, सैन फ्रांसिस्को में ली अंतिम सांस
रक्तचाप की समस्या से हुई मौत
उस्ताद जाकिर हुसैन उस्ताद अल्ला रक्खा खां के पुत्र थे. तबले की तालीम उन्होंने पिता से ही ली थी उन्होंने महज 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया
नई दिल्ली: उस्ताद जाकिर हुसैन जो मौसिकी की दुनिया में उनके तबले की थाप एक अलग पहचान रखती है, उनका निधन 73 वर्ष की उम्र में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में सोमवार सुबह हो गया. उस्ताद जाकिर हुसैन को रविवार रात को अमेरिका के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, उन्हें रक्तचाप की समस्या थी. उस्ताद जाकिर हुसैन उस्ताद अल्ला रक्खा खां के पुत्र थे. तबले की तालीम उन्होंने पिता से ही ली थी. उनकी शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने महज 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया. यानी तकरीबन 62 साल तक उनका और तबले का साथ रहा. उन्होंने तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीते के साथ पद्म विभूषण से भी नवाजे गए. तबले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने में उनका एक अहम योगदान रहा.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
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