लोकतंत्र को सैन्य शक्ति की नहीं नैतिक बल की है आवश्यकता : पूर्व पीएम इमरान
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के इमरान खान ने कहा है कि लोकतंत्र को सैन्य शक्ति की नहीं नैतिक बल की है आवश्यकता है। खान ने नागरिक-सैन्य संबंधों में असंतुलन की निंदा करते हुए पिछली सरकारों पर भ्रष्टाचार के मामलों में खुद को बचाने के लिए सेना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ की गयी उस कार्रवाई का जिक्र करते हुये कहा कि कारवाई के कारण उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इस असंतुलन की वजह से एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिसके नतीजों के बारे में सेना को अब भी एहसास नहीं है। उन्होने आगे कहा कि हमें कमजोर सेना नहीं चाहिए इसलिए हमें इसे बचाना होगा, इसकी रक्षा करनी होगी। अगर जनता और सेना के बीच का फासला बढ़ता गया, जो कि हो रहा है, इससे आखिरकार पाकिस्तान और सेना को ही नुकसान पहुंचेगा।’
पूर्व प्रधानमंत्री खान ने कहा कि लोकतंत्र नैतिक शक्ति पर निर्भर करता है, न कि शारीरिक बल पर और पाकिस्तान की सेना के पास नैतिक शक्ति है। श्री खान ने सेना से मौजूदा सरकार के समर्थन से यू-टर्न लेने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है और यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आज सही फैसले किए जाएं।
गौरतलब हो कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने उक्त बातें पंजाब में उपचुनाव से एक दिन पहले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आधारित एक सेमिनार में कही। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ भी इस चुनावी दौड़ में शामिल है।