बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाने वाले कर्मचारियों को ही मिलता है वेतन: माइका
- कोरोना वारियर्स को वेतन देने के लिए सरकार के खजाने में पैसा नहीं है
- जनसंवाद केन्द्र के 36 GRC का नहीं चल रहा पता
रांची: सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और माइका एडुकेशन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए करार में उल्लेखित 60 GRC की जानकारी लेने के लिए समृद्ध झारखण्ड की टीम ने 02 जून 2020 को कंपनी के निदेशक संजय जैन को कई बार कॉल किया। लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद समृद्ध झारखण्ड टीम ने मामले की जानकारी लेने के लिए कंपनी के निदेशक संजय जैन को व्हाट्सअप पर मैसेज किया।

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इस कोरोना काल में जनसंवाद के प्रेस सलाहकार के इस बयान को कितना सही माना जा सकता है? आपको बता दें कि पिछले तीन माह से 181 में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं किया गया है। जनसंवाद के प्रेस सलाहकार के मुताबिक कहीं बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं बनाने के कारण तो कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा?
सरकार के आदेशानुसार किसी भी कर्मचारी को वर्तमान परिस्थिति में बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं बनाना है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 नियंत्रण कक्ष के संबंधित पदाधिकारी ने वेतन के मामले में CMO और विभाग से जानकारी मांगी है। लेकिन CMO से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार के खजाने में राशि का अभाव है। जिस कारण से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है।
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जनसंवाद के प्रतिनिधि ने जो जवाब दिया है। उसके मुताबिक झारखंड राज्य के किसी भी कर्मचारी को बिना बायोमेट्रिक उपस्थिति के वेतन नहीं मिलना चाहिए? जबकि कई जिला मुख्यालयों में बायोमेट्रिक आधार उपस्थिति मशीन अधिकतर तकनीकी रूप से खराब देखें जाते रहें हैं। जिसकी जानकारी पूर्व में विभिन्न जन माध्यमों से भी मिला है और कर्मचारियों को वेतन का भुगतान भी हुआ है।
वर्तमान में 181 के कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। जिनकी ना तो बायोमेट्रिक उपस्थिति बनती है और ना ही मैन्यूअल उपस्थिति। सिर्फ व्हाट्सअप के जरिए सभी कर्मचारियों का लाइव लोकेशन कोविड-19 नियंत्रण कक्ष के प्रबंधक के पास कर्मचारी भेजते हैं। साथ ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से Log In और Log Out का समय देखा जाता है।
वैसे आपको यह भी बता दें कि जनसंवाद केन्द्र के संचालन के लिए वित्तीय वर्ष के अनुसार बजट का प्रावधान किया गया है। जो कि एकरारनामें के मुताबिक हर तीन माह में हर तरह की राशि का भुगतान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने माइका एडुकेशन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को किया है। कोविड-19 के तहत विभाग से राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण इन कोरोना वारियर्स को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। जिसके आलोक में कंपनी ने कर्मचारियों को सम्मान स्वरूप अप्रैल माह में प्रति कर्मचारी सात हजार और मई माह में प्रति कर्मचारी पांच हजार रुपए का भुगतान किया है।
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माइका एडुकेशन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संजय जैन से जब समृद्ध झारखण्ड की टीम ने यह सवाल किया कि क्या बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाने वाले कर्मचारियों को ही मिलता है? आपके प्रेस सलाहकार ने यही बातें कहीं हैं। तो संजय जैन ने प्रेस सलाहकार का नाम लेते हुए कहा कि बायोमेट्रिक के लिए जो बातें कहीं गई है, वो by mistake कह दी गई हैं। बायोमैट्रिक का कोई लेना-देना नहीं है यहाँ। पिछले 6 महीनों से तो बायोमैट्रिक चल ही नहीं रहा।
