हेमंत की 14 महीने की सरकार झारखंड का काला अध्याय: प्रतुल शाहदेव
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रांची: भाजपा ने झामुमो को एक बार फिर से आड़े हांथो लेते हुये निशाना साधा है। प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुये प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सोरेन द्वारा प्रदेश में किये गये 14 महीने के शासनकाल को प्रदेश का काला अध्याय बताया। उन्होंने दावा किया कि रघुवर सरकार सबका साथ, सबका विकास के संकल्प से कल्याणकारियों योजनाओं को प्रदेश में चरितार्थ करने में जुटी हुई है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि रघुवर सरकार के साढ़े चार वर्षों का कार्यकाल सुशासन और विकास का स्वर्णिम काल है। सरकार ने प्रदेश में विकास की गंगा बहाई है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना किसानों केलिए वरदान साबित हुई, जिसमें प्रति एकड़ 5000 रूपये की सहायता राज्य सरकार सीधे किसानों के खाते में भेज रही है, यह राशि केंद्र सरकार की योजना के अतिरिक्त है। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए अद्वितीय योजना है जिसमें पढ़ाई एवं कम उम्र की शादी रोकने की दिशा में पहल की गई है।
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लड़की के जन्म पर 5 हजार रुपये, नामांकन के समय 5 हजार रुपए, क्लास 5 में 5 हजार रुपए, 8 में 5 हजार रूपए 10वीं में 5 हजार रूपए व 18 वर्ष में अविवाहित रहने पर 10 हजार रूपए उनके खाते में दिए जाने का प्रावधान किया है। शाहदेव ने कहा कि किसानों केलिए स्मार्ट फोन योजना, परंपरागत ग्राम प्रधानों, मानकी, मुंडा को प्रोत्साहन राशि, सरना मसना हड़गड़ी का सुंदरीकरण कार्य, हर गांव में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, साफ पेयजल, पेबल ब्लॉक सड़कों, मुर्गीपालन के लिए।
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प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सखी मंडल के माध्यम से 4 लाख की आर्थिक सहायता, ग्राम विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी, ग्राम विकास समिति का गठन कर 5 लाख तक के विकास कार्यक्रमों का प्रावधान किये गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली समस्या के स्थाई समाधान की दिशा में ठोस पहल की गई, नए ग्रिड, ट्रांसमिशन लाइन, सब स्टेशन निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। पानी की समस्या के निराकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं व आदिम जनजाति के सभी 2250 टोलों में सितंबर तक पाइपलाइन से पानी पहुंचाने का निश्चित टारगेट रखा गया है। शाहदेव ने कहा कि हेमंत सरकार को अपना कार्यकाल याद करना चाहिए जिसमें नौकरियों का अकाल पड़ा हुआ था व स्थानीय नीति के नाम पर सरकार तो गिरी पर नियत में खोट के कारण नीति नहीं बना सके। बालू घाट मुंबई को बेच दिया, तत्कालीन मंत्री ददई दुबे ने सरकार को ट्रानफर पोस्टिंग उद्योग बताया था। राज्य सभा में बाहरी व्यक्ति को भेजनेवाले के मुंह से स्थानीयता कि बात शोभा नहीं देती।
Edited By: Samridh Jharkhand
