Dhanbad News: SJAS अस्पताल ने बचायी अरशद आलम उर्फ बाबला की जान
सही समय पर बेहतर अस्पताल एवं डाक्टरों की टीम होने से बची जान

घायल मरीज की वास्तविक स्थिति एवं चोट एवं चोट की गहराई जानने के लिए मरीज का तुरंत सिटी स्कैन करवाया गया. अत्याधुनिक सिटी मशीन के 3 डी दृश्यों को देखने एवं बारीकी से समझने के उपरांत पता चला कि माथे की हड्डी टूटकर अंदर धंस गई थी.
धनबाद: गत 21 अक्टूबर की रात धनबाद के नया बाज़ार इलाके में अज्ञात हमलावरों ने नया बाज़ार निवासी अरशद आलम उर्फ़ ‘बाबला’ पर दिनदहाड़े गोलियां चलाईं, जिससे गंभीर रूप से घायल अरशद आलम उर्फ़ ‘बाबला’ को पाटलिपुत्रा ले जया गया. जहाँ उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें SJAS सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, धनबाद भेजा गया. घटना की सूचना पाते ही SJAS सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड तत्काल हरकत में आ गया. घटना एवं घायल की अवस्था को देखते हुए अस्पताल के क्रिटिकल केयर विभाग के डॉक्टरों ने तुरंत मरीज़ों की हालत की त्वरित गहन जाँच की और स्थिति एवं घायल की गंभीरता को देखते हुए जाने माने न्यूरो सर्जन डॉ. कुनाल किशोर को सूचित किया.

उन्होंने क्रैनियोटॉमी (मस्तिष्क की सर्जरी) एवं (रीढ़ की सर्जरी)करते हुए टूटी हुई हड्डी को निकाला और सिर, आंख और चेहरे के आसपास के लगभग 15 से अधिक जख्मों का भी उपचार किया. इन घावों का सटीक तरीके से इलाज करके खून का रिसाव बंद किया गया. इसके बाद, डॉक्टरों ने अरशद आलम और बाबला की पीठ की जांच की, जहाँ अरशद को लगी गोली रीढ़ की हड्डी के पास D9-D10 क्षेत्र में फंसी हुई थी. डाक्टरों की टिम ने ऑपरेशन के दौरान, दो गोलियां पाई, जो मरीज़ की रीढ़ की हड्डी के पास फंसी हुई थीं. माईक्रो सर्जरी तकनीक का उपयोग करते हुए, डॉ. कुनाल किशोर ने गोलियों को सफलतापूर्वक निकाल दिया. ऑपरेशन कई घंटों तक चला, जिसमें अरशद आलम के सिर, चेहरे और रीढ़ की चोटों का पूरा उपचार किया गया. इस महत्वपूर्ण सर्जरी के बाद, अरशद की हालत स्थिर है और अब उन्हें ICU में गहन देखरेख में रखा गया है.
कुशल डाक्टरों की टीम की देखरेख में रह रहे अरशद आलम की स्थिती में अब सुधार हो रह है. वह मुँह से खाना-पीना शुरू कर चुके हैं और बात करने में भी सक्षम हो गए हैं. डॉक्टरों का कहना है कि उनकी स्थिति अब स्थिर है, और वह तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि यदि सही समय पर ऑपरेशन नहीं किया गया होता, तो अरशद आलम की जान को गंभीर खतरा हो सकता था.